Breaking News: राष्ट्रीय विरोध दिवस पर काली पट्टी बाँध कर दिया धरना, उठाई मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज

Breaking News: राष्ट्रीय विरोध दिवस पर काली पट्टी बाँध कर दिया धरना, उठाई मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज


मेहनतकशों के अधिकार व राहत के लिए होगा राजनैतिक प्रतिवाद : अजय राय
                                                          चकिया/चन्दौली: मोदी सरकार का मेहनतकश विरोधी क्रुर व अमानवीय चेहरा सबके सामने हैं.  इसलिए मेहनतकशों को राजनैतिक प्रतिवाद करना होगा.                                                          उक्त बातें आज विभिन्न मजदूरों के संगठन द्वारा राष्ट्रीय विरोध दिवस के अवसर पर लॉकडाउन के नियम को पालन करते हुए बांहों में काली पट्टी बाँध कर धरना देते हुए वर्कर्स फ्रंट से जूड़े मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कही.                       उन्होंने आगे कहा कि कोराना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच मोदी सरकार ने मेहनतकशों, किसानों व बेरोजगारों पर चौतरफा हमला बोल दिया है.                                                  प्रवासी मजदूरों को तो बेमौत मरने के लिए और अपार यातनाओं के लिए बेसहारा छोड़ दिया गया ही है बल्कि घोर लापरवाही, गलतियों और भयंकर चूक से महामारी को रोकने में बुरी तरह सरकार नाकाम रही है जाहिरा तौर पर इसका खामियाजा आम जनता को ही खासकर गरीबों को भुगतना पड़ेगा.                                                     संकट की ऐसी घड़ी में फौरी राहत के उपाय करने के बजाय मोदी सरकार सार्वजनिक संपत्तियों को कारपोरेट घरानों को सौंपने के बेहतर अवसर के बतौर देख रही है और कर्मचारियों के विरोध को नजरअंदाज करते हुए श्रम कानूनों पर हमला व निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है.
                                      आज मजदूरों को राजनीतिक प्रतिवाद में उतरने की जरूरत है अन्यथा मात्र आर्थिक मुद्दों के इर्दगिर्द आंदोलन से दबाव बनाना मुमकिन नहीं होगा. जैसे हालात हैं उसमें महामारी के बढ़ने के साथ ही बेरोजगारी की समस्या और विकराल होगी. 
      इसलिए मेहनतकशों, किसानों और बेरोजगार युवाओं व छात्रों सभी को एकताबद्ध हो राजनीतिक प्रतिवाद में उतरना होगा.                                इस विरोध दिवस की मांगों का समर्थन करते हुए मजदूर किसान मंच वर्कर्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रस्तावों का भी पुरजोर समर्थन करता है.                                       आज के राष्ट्र व्यापी विरोध दिवस पर विरोध में धरना के द्वारा मजदूरों के हित के लिए सभी प्रवासी मजदूरों को निःशुल्क घर भेजने, कोरोना से पीडित सभी मजदूरों और नागरिकों के निःशुल्क चिकित्सा, गरीबों के लिए राशन और रोजगार, कम से कम पांच हजार रूपए नकद देने, घर वापसी के दौर में मृतक हुए और क्षतिग्रस्त्र हुए सभी प्रवासी मजदूरों को समुचित मुआवजा, सभी प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग रखी गई.                                                    साथ ही आवागमन की सुविधा व अन्य लोकतांत्रिक अधिकारों की गारंटी, आगंनबाड़ी, आशा, रसोईया समेत सभी कोरोना योद्धा कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण व जीवन बीमा लाभ  दया जाए.                            असंगठित मजदूरों व पटरी दुकानदारों की जीवन सुरक्षा के लिए बने कानून को प्रदेश में लागू कराने और ,लॉकडाउन के कारण बंद पड़े उद्योगों के मजदूरों के वेतन की सरकार द्वारा तत्काल व्यवस्था करने तथा श्रम सुधार के नाम पर लाए जा रहे मजदूर विरोधी आदेश, अध्यादेश एवं अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त कराने और कर्मचारियों के डीए, वेतन व भत्तों की कटौती वापस कराने व सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण पर रोक लगाने के लिए वर्कर्स फ्रंट और मजदूर किसान मंच के लोग बांह में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराए और प्रस्तावों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्वीटर और ईमेल द्वारा भेज रहें हैं.                विरोध में उत्तरौत में तबरेज़ आलम, बलिया कला में अमर बहादुर चौहान, रसिया में मारकण्डेय राम बरहुआ में अखिलेश दूबे सहित कई लोग अपने निवास पर शामिल रहें.