कोरोना संकट में किसानों-मजदूरों को तत्काल नकद भुगतान करे मोदी सरकार: अजय राय

कोरोना संकट में किसानों-मजदूरों को तत्काल नकद भुगतान करे मोदी सरकार: अजय राय

                             फोटो:pnp

◆ मजदूर किसान मंच ने कहा-बिजली का निजीकरण किया जाना किसान विरोधी नीति है

लखनऊ, Purvanchal News Print: कोरोना महामारी को रोकने और अर्थव्यवस्था को सम्हालने पर बुरी तरह विफल मोदी सरकार को अब भी सबक लेते हुए कारपोरेट घरानों पर सम्पत्ति कर लगाकर संसाधन जुटाना चाहिए.               किसानों और मजदूरों को छः माह तक तत्काल न्यूनतम पांच हजार रूपए नकद देने की जरूरत है. ताकि भुखमरी से लोगों को बचाया जा सके.                                                            यहां जारी बयान में मजदूर किसान मंच के जिला प्रभारी अजय राय ने कोरोना महामारी के इस संकटकालीन समय में किसान, आम जन विरोधी और कारपोरेट घरानों के लाभ के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे विद्युत संशोधन अधिनियम 2020 को वापस लेने की मांग की.                                                            कहा- इस बिल के पास होने से बिजली इतनी महंगी हो जायेगी कि उसका उपभोग किसान और गरीब नहीं कर पायेंगे.                         

यह सरकार का कदम काफी घातक हो सकता है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए.
      उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री को भेजे मांग पत्र में लॉकडाउन के कारण रास्ते में दम तोड़ने वाले और घायल हर व्यक्ति को समुचित मुआवजा देने, कोरोना से बीमार व्यक्ति को मुफ्त सरकारी इलाज हो चाहिए.                                       जगह-जगह सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बहाल और  सहकारी खेती को मजबूत करने के साथ किसानों व बुनकरों समेत छोटे मझोले उद्यमियों के सभी कर्ज माफ  करना पड़ेगा.                            ब्याज मुक्त कर्ज देने, किसानों को सस्ती लागत सामग्री व मुफ्त कृषि उपकरण उपलब्ध कराने, कृषि आधारित उद्योग लगाने, पचास गुना ज्यादा दाम पर सरकारी खरीद की गारंटी, मनरेगा में सालभर काम और 6 सौ रूपए
 मजदूरी, आलू किसानों को राहत पैकेज देने, प्राकृतिक आपदा तूफान, ओलावृष्टि आदि से प्रभावित किसानों को मुआवजा आदि मांगें शामिल 
रहीं.