दुर्गावती/ कैमूर, रिपोर्ट-संजय मल्होत्रा : दलित मुस्लिम एकता फ्रंट के बिहार प्रदेश प्रभारी सुरेश वाडेकर साहब ने प्रवासी मजदूरों के दुख दर्द को बयां करते हुए अपनी भड़ास निकलते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को मरने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया है.
केंद्र सरकार दस दिनों पूर्व ट्रेन और बसों को चलाने का आदेश दे दी होती तो आज प्रवासी मजदूरों की मौत नहीं होती और सभी प्रवासी मजदूर अपने- अपने गंतव्य स्थान पर चले गए होते. दलित मुस्लिम एकता फ्रंट के बिहार प्रदेश प्रभारी सुरेश वाडकर ने आगे कहा कि सत्ता में बैठी सरकारें जानती हैं कि ये मजदूर कहां जाने वाले हैं, इन्हें देश की आज़ादी के बाद से ही सिर्फ कमजोर करने का काम किया गया है. मजदूरों के सामने स्थिति यह हो गई है कि
उनके विकास के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए हैं उन्के समक्ष मरने के सिवा कुछ नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि सड़कों पर तड़पता भारत के प्रवासी मजदूरों का इंसाफ कौन करेगा.और भूखे प्यासे मरने वाले मजदूरों का जवाबदेह कौन होगा.