इलिया (चन्दौली), रिपोर्ट-जय प्रकाश: कोविड-19 वैश्विक महामारी भारत में भी भयानक रूप ले रही है. लेकिन दिन पर दिन बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. एक तरफ प्रवासी मज़दूरों को लेकर भी सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ,वहीं अधिकारियों की लापरवाही से दूसरे प्रदेशों से आये प्रवासी मजदूरों को बस में बैठने के बाद सरकारी अफसर भूल जा रहे हैं. बस चालक की मानें तो उसे बिहार के बॉर्डर मालदह इलिया क्षेत्र के पुलिया तक छोड़ने का आदेश उनके अधिकारियों ने दिया है. आखिर यहां पहुंचे मजदूर कहां जाएं. यहां की लोकल पुलिस भी उनकी कोई मदद नहीं कर रजी है. बताते हैं कि बनारस से सरकारी बस UP- 34, 2303 से करीब 60 मज़दूर बनारस से अपने घरों को रवाना तो हुए मगर अंत में उत्तर प्रदेश बिहार की सीमा इलिया से सटे मालदह पुलिया पर आकर फंस गए. मज़दूरों ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें बिहार के भिन्न भिन्न जिलों में जाना है जबकि यहां उसकी दूरी चार सौ से पांच सौ किलोमीटर है. जबकि यहां से जाने के लिए यहां से कोई भी साधन नहीं है. मजदूरों को लेकर आने वाली बस के चालक शिवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि उनको ऊपर से यहां तक ही आने का आदेश मिला है.जबकि मजदूरों का कहना है कि बस में बैठते समय बताया गया था कि यहाँ से बिहार जाने के लिए उनके लिए साधन मिलेगी.लेकिन यहाँ पर कोई भी साधन मौजूद नहीं है. वहीं पर महदाईच पुलिस बूथ पर मौजूद पुलिस कर्मियों द्वारा बताया गया कि उन्हें बिहार सरकार के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की सूचना नही दी गयी है. ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि ऐसे में ये मज़दूर जो कि अपने परिवार के साथ भी हैं आखिर जाएं तो कहां. अंततः तक थक हारकर अपने घरों को पैदल ही निकल पड़ें. यह स्थिति दर्शाती है कि बसों से प्रवासी मजदूरों को लाने में कितनी घोर लापरवाही बरती जा रही है.
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5/11/2020 05:10:00 pm
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