NEWS UPDATE: 69000 शिक्षक भर्ती मामला: सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को नोटिस जारी, छह जुलाई तक रिक्तियों का चार्ट न्यायालय को सौंपने का निर्देश

NEWS UPDATE: 69000 शिक्षक भर्ती मामला: सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को नोटिस जारी, छह जुलाई तक रिक्तियों का चार्ट न्यायालय को सौंपने का निर्देश

                                                                                                                                       उत्तर प्रदेश में एक बार फिर लटक गया 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला,  शिक्षा मित्रों को राहत                                                                                                                   ◆ उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक मामले में हाईकोर्ट के खिलाफ शिक्षा मित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका                                                                                         Purvanchal News Print                        नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शिक्षा मित्रों की अपील पहले मौखिक आदेश में खारिज कर दिया. फिर इस मामले में मौखिक आदेश के चंद मिनटों बाद ही संशोधन कर दिया गया और राज्य सरकार को नोटिस जारी की गई. इससे शिक्षा मित्रों को राहत मिल गई है. अब एक बार फिर योगी सरकार छह जुलाई तक रिक्तियों का चार्ट तैयार कर न्यायालय को सौपेंगी. इससे सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को एक झटका माना जा रहा है.                              उच्चतम न्यायालय ने पहले तो उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों की अपील की सुनवाई के दौरान याचिका खारिज कर दी थी. इसमें मौखिक निर्देश दे दिया था मगर फिर न्यायिक पहलुओं पर ध्यान दिलाये जाने के बाद संशोधित आदेश के साथ राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. इसके साथ ही 69000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का मामला एक बार फिर लटक गया है.                                                      उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एमएम शान्तन गौदर और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने याचिकाकर्ता  उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलील सुनने के बाद याचिका खारिज करने का मौखिक आदेश सुना दिया लेकिन कुछ न्यायिक पहलुओं पर ध्यान दिलाए जाने के बाद सुनवाई फिर शुरू हुई. वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और ए सुंदरम वीडियो कांफ्रेंसिंग स्क्रीन पर मौखिक आदेश जारी होने के बाद दिखाई दिए और उन्होंने अपनी दलीलें शुरू की. इसके बाद न्यायालय ने याचिका खारिज करने के अपने आदेश में संशोधन की मंशा जताई.                                                      उसके बाद फिर से सुनवाई कुछ देर चली और  सालिटर जनरल एवं अन्य वकीलों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने राज्य सरकार एवं अन्य प्रतिभागियों को नोटिस जारी किया. इसके जवाब के लिए लिए 14 जुलाई का समय दिया है. न्यायालय ने यूूपी सरकार को निर्देश दिया कि वह 6 जुलाई तक रिक्तियों का चार्ट न्यायालय को सौंप दें.