गोंडवाना विरांगना महारानी दुर्गावती का 456 वां बलिदान दिवस धूमधाम से मना

गोंडवाना विरांगना महारानी दुर्गावती का 456 वां बलिदान दिवस धूमधाम से मना

                                                     
                                                 By- श्रीराम तिवारी चन्दौली: अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के तत्वावधान में बुधवार को रेवसा गांव में गोंड़वाना विरांगना महारानी दुर्गावती का 456 वां बलिदान दिवस इनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर धूमधाम से मनाया गया.

      बलिदान दिवस के अवसर पर जिलाध्यक्ष विजय बॉर्डर ने कहा कि रानी दुर्गावती भारत की एक वीरांगना थी. महोबा के चंदेल राजा सालबाहन की पुत्री थी. जिन्होंने अपने विवाह के 4 वर्ष बाद अपने पति गोंड राजा दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने पुत्र वीर नारायण को सिंहासन पर बैठा कर उनके संरक्षक के रूप में स्वयं शासन करना प्रारंभ किया.                                                              इन्होंने इलाहाबाद के मुग़लशासक आसफ खान से लोहा लेने के लिए प्रसिद्व थी. 24 जून 1564 सको महारानी दुर्गावती मुगल की सेना से युद्ध कर रही थी. उसी समय घनघोर वर्षा होने लगी.                                                                                                          
रानी दुर्गावती जबलपुर के पास नई नाला पहाड़ी पर दुश्मनों से गिर गई थीं, अपने को असुरक्षित समझते हुए कटारी निकाल कर अपने सीने में मार ली और वीरगति को प्राप्त हो गई.                                                                                             इस मौके पर कमलेश गोंड़, सुरेश गोंड़,अशोक गोंड़, इंद्रजीत गोंड़,अजय गोंड़, सोनू गोंड़,सुरेश गुप्ता,राम बाबूआदि मौजूद रहे.