कम्प्यूटर युग में संघती में बांस-बल्लियों के सहारे बिजली व्यवस्था

कम्प्यूटर युग में संघती में बांस-बल्लियों के सहारे बिजली व्यवस्था

                                                              ◆ जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की अनदेखी से नागरिक सुविधाओं का अभाव                                                             By-श्रीराम तिवारी, चन्दौली: जनपद में विकास खंड सकलडीहा का संघती ऐसा गांव है जहां आजादी के लगभग 7 दशक बाद भी बिजली सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव दिख रहा है.                            जहां सरकारें तमाम विकास के दावे कर रही है वहीं यहां के लोग जन सुविधाओं के अभाव में जीवनयापन करने को मजबूर हैं.                                                             यहां के नागरिकों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासन तक चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. इस दुर्व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

     
                                                       विकास खंड सकलडीहा के संघति गांव का एक हिस्सा पटना रेलवे लाइन के उस पार बसा हुआ है. जिसकी आबादी लगभग 600 है. अभी तक यहां के लोग बॉस बल्लियों के सहारे बिजली जला रहे हैं.                                                                                   इसकी शिकायत कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक की गई. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ग्रामीणों की मानें तो गांव के विद्युतीकरण के लिए खंभा भी गिराया गया था, लेकिन ठेकेदार की मनमानी के कारण खंभा भी उठा कर दूसरे जगह लगा दिया गया. यही नहीं मुख्य मार्ग व  पेयजल की समस्या भी बनी हुई है.                                                                    

यहां के ग्रामीण कंप्यूटरीकृत युग में भी बैलगाड़ी की सवारी करने को मजबूर हैं.  गांव के रामजन्म मास्टर ,छोटे लाल यादव ,बचाऊ यादव,स्वतंत्र यादव, राम मूरत मौर्य ,कैलाश यादव ,तेज बहादुर मौर्य, रामदुलार यादव ,राम कृत आदि लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है.