क्या यूपी में चल रहा फर्जी शिक्षकों का रैकेट!

क्या यूपी में चल रहा फर्जी शिक्षकों का रैकेट!

◆ राजधानी से सटे बाराबंकी में तीन और आया फर्जी शिक्षकों का मामला सामने                           Purvanchal News Print        लखनऊ: अभी फर्जीवाड़ा कर 25 जिलों में नौकरी करने वाली मैनपुरी की शिक्षिका अनामिका शुक्ला की गिरफ्तार के बाद एक बड़ा खुलासा हो चुका है.                                                     यह फर्जीवाड़ा अभी थमा नहीं कि तीन शिक्षकों का मामला और सामने आ गया है. इस हालात से यह सवाल उठने लगा है कि क्या यूपी में फर्जी शिक्षकों का रैकेट चल रहा है. जिसकी वजह से शासन-प्रशासन के कार्यप्रणाली घेरे में आ गया है.                                                     बाद एक बार फिर खबर है कि उत्तर प्रदेश से एक के बाद एक जालसाजी के मामले सामने आ रहे हैं. एक ताजा मामला शनिवार को बाराबंकी जिले से सामने आया. यहां नाम बदलकर शिक्षक की नौकरी करने वाले प्रधानाध्यापक सहित तीन अध्यापकों का पर्दाफाश हुआ है.                                                                  शासन-प्रशासन स्तर से अब इनकी सेवा समाप्ति के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इन सभी शिक्षकों को 15 दिन का मौका दिया गया है. ताकि वे अपना पक्ष रख सकें हैं.


     नोटिस के बाद से गायब हो गए तीनों शिक्षक

         आलम यह है कि बाराबंकी की तहसील हैदरगढ़ ब्लॉक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पट्टी के सहायक अध्यापक रजत, सीठूमऊ के अभिषेक त्रिपाठी, रामनगर के नारायनपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक शशिकांत मिश्रा को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नोटिस भेजी है. जिसमें आरोप है कि ये शिक्षक नाम बदलकर नौकरी कर रहे थे.               जब इनसे स्पष्टीकरण तलब किया गया तो उन्होंने जवाब भी नहीं  गया और न ही कार्यालय में आकर अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं. ये तीनों शिक्षक स्पष्टीकरण तलब करने के बाद से गायब होचुके  हैं.



         तीनों शिक्षकों पर 15 दिन बाद एक    पक्षीय होगी कार्रवाई 

         बाराबंकी के बीएसए वीपी सिंह कहते हैं कि तीनों शिक्षकों की सेवा समाप्ति की जा रही है. जिसकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इन शिक्षकों को नोटिस भेजकर 15 दिन का और समय दिया गया है ताकि वह कार्यालय आकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें.                जिले में फर्जी शिक्षकों का रैकेट पकड़ा जा चुका है. आरोपी इस समय जेल में हैं. इसके अलावा लगभग एक दर्जन से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है.                                                                      ये ऐसे शिक्षक हैं जो फर्जी पत्रावलियों के दम पर नौकरी कर रहे थे. अभी भी एक दर्जन से अधिक शिक्षक रडार पर हैं. इसके पूर्व भी एसटीएफ लखनऊ कई बार फर्जी शिक्षकों का पर्दाफाश कर चुका है. 

पूर्व में भी 124 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ हो चुका है केस

           एसटीएफ ने मथुरा में 124, सिद्धार्थनगर में 37, अमेठी में 16, सीतापुर, आजमगढ़ व महराजगंज में 5-5, बलरामपुर में 4, देवरिया व सुल्तानपुर में 3-3, बरेली में 2 और अंबेडकरनगर व गोरखपुर में 1-1 फर्जी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर चुका है जबकि बलरामपुर में 54, गोरखपुर व सिद्धार्थनगर में 32-32, महराजगंज में 8, बरेली में 5 और सुल्तानपुर में 3 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच किया गया था.