◆ पार्टी नेता सुधाकर सिंह ने भाजपा सरकार की नीतियों पर खड़े किए सवाल
फ़ोटो: विरोध मार्च निकालते कार्यकर्ता By- Sanjay Malhotra, दुर्गावती ( कैमूर ): स्थानीय बाजार में राजद के कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि होने के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला.
शनिवार की दोपहर में दुर्गावती बाजार में राजद कार्यकर्ता एक जुलूस निकालकर महंगाई बेरोजगारी भुखमरी किसानों के ऊपर उचित मूल्य जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए.
साथ ही कहा कि डीजल के दाम इतने बढ़ गए हैं कि किसान के लिए ट्रैक्टर चलाना संभव नहीं रह गया है.
और कुछ नेताओं ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में साइकिल चलाई चलाकर भाजपा सरकार में बढ़ते महंगाई का विरोध किया और कहा कि देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि डीजल के दाम पेट्रोल के दाम से ज्यादा हो गया है, यह अद्भुत मामला है. इस मौके पर राजद के वरिष्ठ नेता सुधाकर सिंह ने मूल्य वृद्धि पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जब यूपीए की सरकार में सस्ता पेट्रोल डीजल भाजपा को महंगा लगता था. जिसके विरोध में भाजपा के शीर्ष नेता भारत बंद का आह्वान कर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. आज जब पेट्रोल डीजल आम जनता को महंगा लग रहा है तो भाजपा इसे सस्ता बता रही है.
आगे कहा कि यही नहीं यूपीए की सरकार में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 140 लीटर प्रति बैरल थी और तब पेट्रोल और डीजल रुपए 70 से नीचे था.
वहीं आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल है तो तेल की कीमत एक सौ के करीब पहुंच गई है. इसके पीछे की वजह यह है कि यूपीए की सरकार तेल पर टैक्स कम लगाती थी. और आज भाजपा सरकार 200 गुना एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता से टैक्स वसूल अपना खजाना भर रही है.
उन्होंने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है कोरोना के चलते पहले ही लोग परेशान थे
गरीबों की रोजी-रोटी छिन गई तथा लोग बेरोजगार हो गए. अभी जनता कोरोना के कहर से उबर भी नहीं पाई थी कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर महंगाई का बोझ लाद दिया.
सभी लोग जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ती है तो सभी चीजों के दाम बढ़ते हैं
उन्होंने बताया कि बिहार में पेट्रोल के कीमत ₹82 .85 और डीजल की कीमत ₹76.70 प्रति लीटर है.
पेट्रोल डीजल के दाम आसमान पर और यही हाल गैस सिलेंडर के दाम की भी है.यहां रोजगार नौकरी व्यापारियों का बुरा हाल मध्यम वर्गीय और रोज कमाने खाने वाले के परिवार बर्बाद हो चुके हैं.
अब तो स्कूल कॉलेज की फीस व बिजली बिल कैसे जमा होगा, इसकी चिंता जनता को सता रही है.