" सफाई कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय उत्पीड़न का हर हाल में होगा विरोध"

" सफाई कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय उत्पीड़न का हर हाल में होगा विरोध"


By: Shriram Tiwari

                                                             चन्दौली :  सफाई कर्मचारियों को वैश्विक महामारी के समय जब देश मे कोरोना योद्धा कहते हुए फूल बरसाये जा रहे हैं.                                                         जब पूरी लगन से दिन-रात गाँव की साफ सफाई कर गाँववासियों के जीवन की सूरक्षा में जब सफाई कर्मचारी लगें हों और सरकार कहती है कि जीवन बचाने के लिए हर किसी को रियायत (काम करने में छूट) दी जा सकती हैं.                               तब अगर जत्थे में सफाई कर्मियों को बिना कोई नोटिस दिए निलंबित किया जायेगा तो सवाल उठना स्वाभाविक है.                                  जी हां, हम बात कर रहें चकिया ब्लॉक के कई सफाई कर्मचारियों की विभागीय उत्पीड़न का. ये आरोप स्वराज अभियान के नेता अजय राय ने लगाया है. सफाई कर्मचारियों ने अपनी मेहनत व लगन से लगातार चकिया के तमाम गाँव में साफ-सफाई कर इस वैश्विक महामारी कोरोना को फैलने से रोक दिया है तो उनके ऊपर विभागीय सामूहिक उत्पीड़न नियम कायदे को ताक पर रख कर निलंबन की कार्यवाही क्यों की जा रही है. "                                विभागीय अधिकारियों की खुशामद में कमी किया तो काम में लापरवाही का नुकता निकाल कर उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया जाता है.                                       चकिया ब्लॉक के कई सफाई कर्मचारियों का निलंबित करना इसका उदाहरण हैं. कई सफाई कर्मचारियों ने नाम न उजागर करने के शर्तों पर कहा कि हम कितना भी मेहनत से काम करें लेकिन ब्लॉक के विभागीय अधिकारी से लेकर जिला स्तर के भी अधिकारी तक को खुश करने के लिए मेहनत की कमाई भी खर्च करनी पड़ती है.                                                       तमाम बीमारी ( हार्ट किडनी की खराबी ) से जूझ रहे एक सफाई कर्मचारी को इसलिए निलंबित कर दिया गया कि वह ब्लॉक के प्रभारी अधिकारी की कुर्सी की सफाई ठीक से नहीं किया था. एक सफाई कर्मचारी जो अपने विभाग से लेकर हर काम में सही तरीके से मेहनत से करता है लेकिन विभाग के अधिकारी का खुशामद न करने पर कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा है.                             "जबकि उसे गाँव से लेकर जिला के उच्चाधिकारी तक उसकी मेहनत को लेकर सबके सामने शाबाशी दे चूके हैं. कई सफाई कर्मचारी को नियम के हिसाब से निलंबित करने के पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया हैं. सत्ता के गलियों तक सफाई कर्मचारी की सूधि नहीं लेने वाला कोई नहीं है."                     अगर किसी की पहुँच ऊपर है तो अनजाने में उसे निलंबित कर दिया गया है तो उसे सीधे सवैतनिक काम पर वापस बुला लिए जाता है और वहीं अन्य को बहाल होने के लिए जांच रिपोर्ट का इन्तजार करना पड़ती है.                                                                                 

ब्लॉक में यह चर्चा है कि निलंबन वापस कराने के लिए सफाई कर्मियों द्वारा सुविधा शुल्क देने के आरोप लगते हैं. जन सूचना अधिकार 2005 के तहत जिला पंचायत अधिकारी चन्दौली से यह जानकारी मांगी गई है कि कितने सफाई कर्मचारी की किन आरोप में निलंबित किया गया हैं.                                  उनको निलंबित करने के पूर्व नोटिस दिया गया था कि नहीं और कितने सफाई कर्मचारियों के निलंबन वापस लिए गये हैं .