बिहार बॉर्डर से हटा राहत व जांच कैम्प , यहां पहुंचे लोग नीतीश सरकार को कोस रहे

बिहार बॉर्डर से हटा राहत व जांच कैम्प , यहां पहुंचे लोग नीतीश सरकार को कोस रहे

By: संजय मल्होत्रा

दुर्गावती, Purvanchal News Print : बिहार राज्य के दुर्गावती थाना क्षेत्र अंतर्गत यूपी-बिहार बॉर्डर पर खजुरा गांव के समीप कैमूर जिला शासन-प्रशासन ने अस्थाई राहत व जांच कैंप को हटा लिया है, लेकिन प्रवासी मजदूरों का पलायन थम नहीं रह है. बता दें कि इसके पहले बिहार सरकार के द्वारा यूपी- बिहार बॉर्डर पर पलायन कर रहे श्रमिक प्रवासी मजदूरों को बसों के द्वारा उनके गृह जिला भेजा जा रहा था.

 कैम्प हटाने के बाद भी  प्रवासी मजदूरों का पलायन अभी जारी है. गुरुवार की सुबह करीब 9:00 बजे पलायन कर रहे प्रवासी मजदूर बुद्धू राम, विजित कुमार, अशोक मांझी, इंदल माझी, चनेसर मांझी, रहीस माझी, अखिलेश कुमार, जैकी कुमार, अनुज कुमार, मनोज कुमार गौतम कुमार, धर्मेंद्र कुमार, राहुल कुमार, अमरजीत कुमार, अनुज पासवान सीताराम दास, साजन कुमार, मनीष कुमार, शंकर यादव रंजीत कुमार,सत्येंद्र कुमार, सुनील कुमार,सूरज कुमार आदि दर्जनों की संख्या में तमिलनाडु से 4 दिन से भूखे प्यासे यूपी-बिहार सीमा में पहुंचे.

 जिनको बिहार के गांव काको थाना काको जिला जहानाबाद जाना है. इन लोगों से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि तमिलनाडु से कोई साधन और कोई ट्रेन नहीं मिलने के कारण 23 की संख्या में सभी लोग एक ट्रक प्रति व्यक्ति ₹4000 देकर रिजर्व कर यूपी बिहार बॉर्डर पर पहुंचे हैं.
 और इन लोगों को पता था कि बॉर्डर पर पहुंचने के बाद बिहार सरकार के द्वारा ट्रेन या बसों के द्वारा उनके गृह जिला भेजा जाएगा.
लेकिन यूपी बिहार बॉर्डर पर पहुंचने के बाद ऐसा कुछ नजारा नहीं देखने के बाद सभी लोगों के चेहरे पर मायूसी छाई देखी गई.
 और अपना दुख दर्द बयां करते हुए लोगों ने बताया कि तीन रोज से भूखे और प्यासे हैं रास्ते में कुछ खाने को नहीं मिला है और यहां बॉर्डर पर आने के बाद साधन की तो बात दूर भूख और प्यास लगी हुई है कहां मिलेगा भोजन यह कुछ समझ में नहीं आ रहा है. सभी बिहार सरकार की विधि व्यवस्था को कोसते नजर आए.