By: श्रीराम तिवारी/भूपेंद्र कुमार
बरहनी/ शहाबगंज (चन्दौली): जनपद के बरहनी ब्लॉक के रामपुर व शहाबगंज थाना क्षेत्र के भोड़सर में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया. मिली जानकारी के मुताबिक बरहनी ब्लॉक के रामपुर गांव के तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद जिले के अधिकारियों की टीम गांव पहुंचकर सेनेटाइजर सावधानियां आदि व्यवस्था को लागू करने में जुट गई है. इस गांव को हॉट स्पॉट बना दिया गया है और आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. इसके पहले यहां पहुंचे सफ़ाई व अन्य कर्मियों को मास्क व सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाने की वजह से प्रशासन के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिए थे. स्थिति को नाजुक समझते हुए अधिकारियों ने उन्हें समझा बुझाकर शांतकर ड्यूटी शुरू करवाए. यहां की आर्मी लता (45), अभिनाश (18) और सुरेंद्र यादव (50) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इधर, प्राप्त समाचार के अनुसार कोविड जांच हेतु लिये गये नमूनों प्राप्त परिणाम में एक और व्यक्ति का रिर्पोट पॉजिटिव प्राप्त हुआ है. वह व्यक्ति भोड़सर ग्राम पंचायत के भैसासुर-शहाबगंज का रहने वाला है. कुछ दिन पहले दिल्ली से अपने गांव आया हुआ था. जिसका चिकित्सकीय परीक्षण व सैपलिंग किया गया. उसके बाद संक्रमित ब्यक्ति को डॉक्टरों की सलाह पर अपने को संस्थागत क्वरनटाइन कर लिया था. जिले में लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या से प्रशासन के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं.अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जब प्रवासी मजदूर बाहर से अपने घर के लिए आ रहे हैं और जिला अस्पताल जांच कराने के लिए जाकर अपनी सैंपलिंग करा रहे हैं तो उनको अपने गांव में होम कोरन्टीन के लिए क्यों भेजा जा रहा है. जिन मरीजों में संक्रमण की जरा सा भी आशंका जताई जा रही है तो क्यों नहीं जिला अस्पताल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही उनको क्वारन्टीन किया जा रहा है. गांवों में जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा भेज दिए जाने से संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से घर परिवार वालों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका बढ़ जा रही है. जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा इतनी लापरवाही बरतने की आखिर क्या मजबूरी है. जिला प्रशासन ऐसी लापरवाही के विरुद्ध ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. जब मरीजों के सैपलिंग और सलाइवा जांच की रिपोर्ट आ रही है और संक्रमित व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जा रहा है. उसके बाद संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हुए व्यक्तियों की खोजबीन में प्रशासन को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ग्रामीणों में जिला अस्पताल के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है. तथा जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि जो भी प्रवासी मजदूर बाहर से अपने घर को आ रहे हैं उनको जिला अस्पताल में बने हुए कोरनटाइन सेंटर में ही जांच के लिए नमूना लेकर 21 दिनों तक कोरनटाइन कर दिया जाए ताकि गांव में आकर अन्य लोगों के संपर्क में यह मरीज नहीं आ पाए. जिससे गांव के लोग इस वैश्विक महामारी से सुरक्षित रहे ग्राम पंचायत को हॉटस्पॉट घोषित करने के लिए पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी जगत कनौजिया ने बांस-बल्ली लगवा कर गांव को सील कराया. इस गांव में आने और जाने वालों पर पूर्ण रूप से रोक लगाते हुए कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के बारे में जांच-पड़ताल की कार्यवाही प्रशासन द्वारा की जा रही है. इस मौके पर प्रभारी निरीक्षक अवनीश कुमार राय, सब इंस्पेक्टर आनंद प्रजापति, कांस्टेबल नंद कुमार के साथ अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे.