बहुजन समाज पार्टी में कौन करेगा हाथी की सवारी !

बहुजन समाज पार्टी में कौन करेगा हाथी की सवारी !

◆ मौजूदा राजनीतिक परिवेश को तराशने में जुटे कई दिग्गज

                                                       
                                                                                                                       दुर्गावती: कैमूर जनपद में राजनीतिक चर्चाओं की चर्चा अभी से शुरू हो गई है. यह क्षेत्र राजनीतिक परिवेश के लिए अपना एक अलग स्थान और पहचान भी रखता है , लेकिन आज के दौर में बहुजन समाज पार्टी में टिकट के होड़ में कई चेहरे हाथी की सवारी के लिए बेताब दिख रहे हैं.                                                 इस मारामारी में किसको टिकट मिलता है इस पर चर्चाओं का बाजार गर्म होता दिख रहा है, इससे रामगढ़ विधानसभा भी अछूता नहीं है.                                                                 कैमूर जिला में बहुजन समाज पार्टी में उत्तर प्रदेश में कभी मंत्री रहे दीनानाथ भास्कर के द्वारा काफी परिश्रम के बाद सुरेश पासी और रामचंद्र यादव को बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधानसभा भेजने का सपना पूरा हुआ था. लेकिन कुछ ही दिन बाद यह दोनों विधायक पार्टी छोड़ सत्ताधारी दलों के साथ चले गए  तब से बहुजन समाज पार्टी का जनाधार कैमूर जिले में शून्य हो गया था.                                 लगता ही नहीं था कि कैमूर जिले में बहुजन समाज पार्टी का कोई जनाधार भी है. कहीं से कोई टिकट अचानक लेकर भी आता था तो चुनाव नहीं जीत पाता था .                          वर्ष 2008 में बहुजन समाज पार्टी के झंडा के तले चर्चित चेहरा प्रमोद सिंह उर्फ पप्पू ने जिले की कमान संभाली तब से जिले में बहुजन समाज पार्टी का रुतबा और दबदबा बढ़ा है.                                                                   इस नेताओं ने बहुजन के कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर जोड़ा और बहुत से बहुजन के कार्यक्रमों का आयोजन कर एक बार फिर कैमूर जिले में बहुजन के साख को वापस दिलाया है. यही नहीं जिले से लेकर प्रदेश कार्यालय तक इनके सहयोग से बहुजन समाज पार्टी को जो संबल मिला उसकी भी चौक चौराहे पर चर्चाएं हो रही हैं. ये नेता गरीबों के दवाएं, शिक्षा- दीक्षा, प्रखंड में ब्लॉक प्रमुख बनाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए.                                                 यही नहीं लोगों के दुःख- सुख में भी भाग लेकर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे. पार्टी ने उन्हें टिकट भी दिया और बहुजन समाज के कैडर और वोटरों ने वोट भी लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए. आज के परिवेश में ऐसे भी व्यवसाई कुछ दलों के नेता और पूर्व में प्रत्याशी रहे बहुत से चर्चित चेहरे जिनका बहुजन समाज में कोई योगदान नहीं रहा. वैसे भी कई रामगढ़ विधानसभा से हाथी की सवारी कर विधानसभा में जाने की जुगत में है. जिसकी भी चर्चाएं चौक- चौराहे पर हो रही हैं.                                                                                     बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता यह कहते हुए सुना जा रहा है कि पार्टी उसी को टिकट देगी जो अपने जातिगत आधार के हिसाब से और अपने संपर्क के जनाधार से बहुजन समाज पार्टी के कैडरों और वोटरों के साथ-साथ अपना वोट जोड़ सकें.                                                               इस स्थिति में बहुजन समाज पार्टी की आलाकमान क्या फैसला लेती है, इसका इंतजार करना चाहिए.                                                            आम जनता रामगढ़ विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के अंदर पार्टी सेवक पार्टी कार्यकर्ता या चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट देगी और उसका आधार क्या होगा इसका इंतजार कर रही है.                                                                                                                           अब देखना यह है कि इस महामारी में चुनावी वैतरणी और हाथी की सवारी पर कौन मैदान में आता है, इसकी अभी से चौक-चौराहे पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. रिपोर्ट:संजय मल्होत्रा