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वाराणासी: पूर्वांचल राज्य गठन के लिए किसानी से जुड़े छोटे-छोटे किसान इकाइयों को भी जगाना होगा और उन्हें अपने पृथक राज्य के संघर्ष से जोड़ना होगा. उक्त बातें पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा के संरक्षक चंद्र भूषण मिश्र कौशिक एक भेंटवार्ता में कहा. उन्होंने बताया कि सिर्फ चुनावी वादों और झूठे इरादों से कभी भी पूर्वांचल का विकास नहीं हो सकता है और जब पूर्वांचल का विकास नहीं होगा ,तभी पूर्वांचल को भू माफिया ,साहूकारों,दलालों और सरकार और सरकारी योजनाओं के कुचक्र से मुक्ति मिल सकती है. श्री मिश्र ने कहा कि पूर्वांचल की किसानी घाटे का सौदा हैं. यहां के किसान साजिश में उलझ कर लूटता और अपने अधिकारों को लुटाता रहेगा. इसकी वजह यह है कि पूर्वांचल की बदहाली के सवाल पर किसानों की कमजोर सहभागिता की वजह से किसानों के दुःख-दर्द को सरकार को नहीं समझा पाती है.इसलिए पूर्वांचल की खुशहाली के लिए मजबूत विकल्प के रूप में किसानों को आगे आना जरूरी है.
कहते हैं कि पूर्वांचल का किसान साजिशों के तहत प्रवासी मजदूर बनाया जा रहा है. अब किसानों को जागने का समय आ गया है ताकि उनका व पूर्वांचल का भविष्य सुरक्षित हो सके. रिपोर्ट: श्रीराम तिवारी