पिकअप से वध हेतु ले जाये जा रहे सात गोवंश बरामद चालक फरार

पिकअप से वध हेतु ले जाये जा रहे सात गोवंश बरामद चालक फरार

प्रतीकात्मक फोटो
                                                                                            सकलडीहा/चन्दौली:
पुलिस अधीक्षक द्वारा संदिग्ध व्यक्ति व वाहन की चेकिंग हेतु दिये गये निर्देश के क्रम में सकलडीहा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक वन्दना सिंह मय हमराह फोर्स के साथ क्षेत्र में गश्त व चेकिंग कर रहीं थीं तभी पिकअप से वध हेतु गोवंश ले जानें की मुखबिर ने सूचना दी.                                                                                      पुलिस ने तत्परता बरतते हुए जमुरना बाजार के पास चेकिंग शुरू कर दी. पुलिस को चेकिंग करता देख बिना नम्बर की पिकअप गाड़ी को चेकिंग प्वाइंट के कुछ दूर पहले ही छोड़कर उसमें से 02 व्यक्ति उतरकर भागने लगे, जिनका पीछा पुलिसकर्मियों द्वारा किया गया परन्तु भागने में सफल रहे. पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पायी.                   मगर, पुलिस ने जब इस गाड़ी को चेक किया तो उसमें क्रूरतापूर्ण तरीके से सात गोवंश लदे मिले थे. पुलिस मय गोवंश गाड़ी थाने पर लाकर गोवंश को मुक्त कराने के पश्चात अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की गयी.                                                                        पुलिस गुड वर्क में अक्सर चालक हो जाते हैं फरार: योगी सरकार ने भले ही गो वंश अधिनियम को सख्त बना दिया हो, मगर अक्सर ही पुलिस के गुड वर्क में चालक गो वंश तस्करी की गाड़ी को छोड़कर फरार हो जाते हैं. तस्कर अक्सर बिना नम्बर केे वाहन का इस्तेमाल करते हैं. सकलडीहा पुलिस  द्वारा पकड़ी गई गाड़ी किसकी है, यह गाड़ी चोरी की है अथवा किराये पर चल रही थी या तस्करों का खुद का वाहन है. इसकी तहकीकात अभी बाकी है.                                                          अब गोहत्या पर 10 साल की सजा का प्रावधान: उत्तर प्रदेश सरकार ने गोहत्या कानून को सख्त बना दिया है. अब गोहत्या पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. गोवंश को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर 1 से 7 साल की सजा होगी. इसके अलावा गोकशी और गायों की तस्करी से जुड़े अपराधियों के फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएंगे. योगी सरकार उत्तर प्रदेश गोवध निवारण(संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को स्वीकृति दे चुकी है.                                                                                       वाहन स्वामी भी अधिनियम के तहत होंगे आरोपित: नए नियम के अनुसार अब गो तस्करी में शामिल वाहनों के चालक, ऑपरेटर और स्वामी भी तब तक इस इसी अधिनियम के तहत आरोपित किए जाएंगे, जब तक यह साबित न हो जाए कि उनकी जानकारी के बिना वाहन का इस्तेमाल ऐसी घटना में किया गया है. कब्जे में ली गईं गायों और उसके गोवंशों के भरण-पोषण का एक वर्ष तक का खर्च भी अभियुक्त से ही लिया जाएगा.                  Report: Bhupendra Kumar