आईपीएफ ने पूछा: भाजपा राज में किसान क्यूं बेहाल ?

आईपीएफ ने पूछा: भाजपा राज में किसान क्यूं बेहाल ?

●Uttar Pradesh News In Hindi

"चन्दौली में किसान खाद के लिए भटक रहे हैं. सहकारी समितियों पर खाद की किल्लत है. अधिकारियों को किसानों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है. योगी सरकार के निर्देश सिर्फ हवा में है."

पूर्व आईपीएस दारापुरी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूछा है कि ग्रामीण सहकारी समितियों पर खाद की कमी से किसान क्यूं बेहाल है?

 चन्दौली/लखनऊ: कोरोना महामारी में खेती किसानी पहले से ही बर्बाद हालत में है और ग्रामीण स्तर पर किसानों की आत्महत्या की लगातार खबरें आ रही हैं. ऐसी विकट स्थिति में उत्तर प्रदेश में भाजपा राज में किसानों को खाद भी मुहैया नहीं हो पा रहा है. 

हालत यह है कि सहकारी समितियों से किसान वापस लौट जा रहे हैं और बाजार में कालाबाजारियों से बेहद महंगी दर पर धान की फसल के लिए खाद खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. 

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इन परिस्थितियों में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर किसानों के लिए प्रदेश में खाद की पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग की है. 

यह जानकारी यहां किसानों के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने पत्रकारों को दिया व उनके पत्र की एक प्रतिलिपि भी कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी गई है.

 किसानों के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में सरकार घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर उनका कहीं क्रियान्वयन नहीं दिखाई देता है.

 खाद की कालाबाजारी पर रासुका लगाने की बातें हो रही है लेकिन पूरे प्रदेश में कालाबाजारी खुलेआम जारी है. आज तक एक भी कालाबाजारी के मामले में रासुका नहीं लगाया गया है,

 जबकि इसके विपरीत खाद के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बर्बर लाठी चार्ज किया गया और उन पर मुकदमें लादे गए हैं. 

 उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा है कि चन्दौली जनपद के हर सहकारी समितियों पर लम्बी-लम्बी लाईन किसानों की लगने व कई-कई दिनों तक परेशान होने की खबरें आ रहीं है. 

किसानों को 270 रूपये की खाद 330 रूपये में खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. कभी यूरिया मिलता हैं  तो सल्फर गायब, तो कभी सल्फर  मिलता हैं तो यूरिया गायब रहता हैं.


उन्होंने कहा कि यही स्थिति कमोवेश पूरे प्रदेश में है.कई जगह मजदूर किसान मंच की पहल और किसानों के आंदोलन के बाद ही किसानों को खाद मिलना संभव हो पाया है. 

शहाबगंज सहकारी समिति पर किसानों ने धरना भी  दिया हैं.उन्होंने कहा कि किसान बदहाली की हालत में हैं, यदि यह स्थिति तत्काल न सुधरी तो किसानों को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ेगा और उनकी धान की पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी.

ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री से आईपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस आर दारापुरी ने मांग की है कि प्रदेश में तत्काल प्रभाव से खाद की आपूर्ति के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए.

 जो खाद की आपूर्ति को सुनिश्चित करे और जिला अधिकारियों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाए. साथ ही खाद आपूर्ति के लिए आवश्यक धन का आवंटन भी किया जाए.

[भूपेंद्र कुमार ब्यूरो चीफ चन्दौली, पूर्वांचल न्यूज प्रिंट]