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दुर्गावती (कैमूर): चांद प्रखंड में वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान खाना बनाने वाली महिलाओं ने सोमवार को जमकर हंगामा कर विरोध प्रदर्शन किया. इनका आरोप था कि उनकी मजदूर देने में प्रखंड के अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं.
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फ़ोटो: चांद प्रखंड मुख्यालय पर क्वारंटाइन सेंटर के रसोईयां ने किया विरोध प्रदर्शन, मांगी मजदूरी |
महामारी कोरोना संकट के दौरान दूसरे राज्यों से आ रहे भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को रखने के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था, जिसमें आसपास के सरकारी विद्यालयों में रसोईया के पद पर कार्यरत महिलाओं को खाना बनाने एवं खिलाने के लिए रखा गया था.
उस समय महामारी के डर से कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा था. ऐसी विषम परिस्थिति में इन लोगों ने अपना और अपने परिवार का परवाह किए बिना पदाधिकारियों के एक आदेश पर क्वारंटाइन सेंटर में खाना बनाने और खिलाने का काम किया.
इतना ही नहीं इन महिलाओं ने दिन तो दिन रात में भी खाना बनाने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई. जिसे लेकर शासन-प्रशासन की तरफ से रसोईया महिलाओं की पारिश्रमिक भुगतान करने को कहा गया था.
प्रवासी मजदूरों के आने की संख्या खत्म होने के बाद क्वारंटाइन सेंटर को बंद कर दिया गया. क्वॉरेंटाइन सेंटर बंद होने के बावजूद भी इन लोगों का भुगतान अब तक नहीं किया गया है.
यह लोग प्रखंड अंचल कार्यालय चांद में पहुंचकर अपने भुगतान की मांग की जिसके बाद अंचल कार्यालय के नाजिर बाबू के द्वारा इन लोगों को कहा गया कि पैसा नहीं आया है तो कहां से दिया जाएगा कोई भुगतान नहीं होने वाला है.
ये भुगतान नहीं होने की बात सुनकर महिलाएं आक्रोशित हो गई और करीब 50 की संख्या में सोमवार को प्रखंड मुख्यालय चांद में पहुंच कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
क्या कहती हैं क्वारंटाइन सेंटर की रसोईया महिलाएं
मुन्नी देवी, तेतरी देवी ,दौलता कुंवर, विद्या देवी, तारा देवी, दुलारी देवी, जामवंती देवी, मीना देवी अंशु देवी, मंजू देवी, सीमा देवी आदि काफी संख्या में महिलाओं ने बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी लॉकडाउन के विषम परिस्थिति में हम लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पर खाना बनाने के लिए रखा गया था.
यह कह कर की प्रति रसोईया महिलाओं को 350 का भुगतान किया जाएगा लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया है.
इन दिनों चल रहे लॉक डाउन की परिस्थिति में कहीं काम धंधा मजदूरी नहीं मिल रहा है. जिससे घर परिवार में भरण पोषण की चिंता काफी बढ़ते जा रही है.
यदि हम लोगों को किया हुआ मजदूरी नहीं मिलता है तो बाध्य एवं विवश होकर आंदोलन करेंगे.
क्या कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी
इनसे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सीओ को आदेशित कर दिया गया है. सीओ ने फाइल बनाकर जिला मुख्यालय भेज दिया है. एक सप्ताह के बाद भुगतान कर दिया जाएगा.
रिपोर्ट By: संजय मल्होत्रा