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बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है लेकिन नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का दौर शुरू हो गया है।
दुर्गावती (कैमूर) : बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है लेकिन एक दल से दूसरे दल में जाने का दौर शुरू हो गया है।
कैमूर जनपद के दुर्गावती क्षेत्र में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी जोरों पर देखी जा रही है।
इसी दौरान दुर्गावती के पूर्व प्रमुख और रामगढ़ विधानसभा से 2015 में जनता दल सेकुलर से चुनाव लड़ चुके यमुना सिंह यादव बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव अशोक कुमार यादव रामगढ़ के सिसोड़ा पंचायत के पूर्व मुखिया सुभाष यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सोमवार को पटना में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में राजद बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मौजूदगी में बहुजन समाज पार्टी छोड़ राजद में शामिल हो गये।
दुर्गावती के पूर्व प्रमुख यमुना सिंह यादव ने बताया कि बिहार में बहुजन समाज पार्टी का कोई वजूद नहीं है. बसपा के पास न कोई नीति है और ना ही कोई जनाधार। पैसा देकर विधानसभा का टिकट लेने वाली पार्टी का खिताब जीत चुकी है।
पिछले 10 15 सालों से पार्टी में जुड़े रहने वालों को कोई तवज्जो नहीं दिया जाता और रातों-रात पार्टी बदल कर बसपा में शामिल होने वालों को सिर पर बिठा लिया जाता है। यही कारण है कि 2005 के बाद से बिहार खासकर कैमूर जिले के चारों सीटों पर बसपा का जनाधार खिसक गया । 1984 में बहुजन समाज पार्टी का गठन हुआ लेकिन आज तक केवल एक जाति विशेष के लोगों को ही संगठन में जोड़ा गया। जितने दूसरे समाज और समुदाय के लोग जुड़े उन्हें दरकिनार किया गया यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की प्रमुख पार्टियों में से एक बसपा का जनाधार यूपी में भी मटिया मेल हो गया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बसपा का बचा हुआ जनाधार जमींदोज हो जाएगा। वही बसपा के प्रदेश महासचिव रहे अशोक कुमार सिंह भी बसपा से नाता तोड़ राजद में शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है 15 सालों से सत्ता में रह रही एनडीए के पास अपने कार्यकाल की एक भी उपलब्धि नहीं है। नीतीश कुमार बैसाखी के बल पर 15 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। चाहे भाजपा की
बैसाखी पर सवार होकर या राजद के बैसाखी पर सवार होकर बिहार में भाजपा और जदयू के सांसद विधायक और मंत्रियों को जनता गांव में घुसने नहीं दे रही है।
किसान बेबस और लाचार हैं युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। बिहार के लोग तबाह और गरीब शोषित और छोटे व्यापारियों की कमर टूट चुकी है।
source: संजय मल्होत्रा