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●प्रबंधक सुशील कुमार शर्मा एवं प्रिंसिपल अर्चना सोनी ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर काट केक
पूर्वांचल/सैयदराजा (चन्दौल): कोविड-19 के तहत नियमों का पालन करते हुए नगर स्थित सैयदराजा किड्स पब्लिक स्कूल के कैम्पस में शनिवार को शिक्षक दिवस स्कूली बच्चों के बगैर सादगी के साथ मनाया गया.
कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्कूल के प्रबंधक सुशील कुमार शर्मा एवं प्रिंसिपल अर्चना सोनी ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर केक काटा.
इस दौरान प्रबंधक सुशील कुमार शर्मा ने शिक्षक दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि गुरु-शिष्य की परम्परा भारत की संस्कृति का एक अहम व पवित्र हिस्सा है.
जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नही ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस खूबसूरत दुनिया में लाते हैं, इसके बाद जीवन के अहम हिस्से को शिक्षक सवांरते है.
श्री शर्मा ने कहा कि भारत मे शिक्षक दिवस मनाने की परम्परा देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समय हुई.
जब उनके चाहने वालों ने उनका जन्मदिन मनाने की उनसे आज्ञा मांगी तो डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई.
उन्होंने कहा कि पहली बार शिक्षक दिवस 5 सितम्बर 1962 को मनाया गया था तभी से भारत मे प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.
प्रिंसिपल अर्चना सोनी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे.
उनका जन्म 1988 में आज ही के दिन तमिलनाडु में हुआ था. उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
कहा - शिक्षा के रूप में अभूतपूर्व योगदान के लिए उनका जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान स्कूल प्रबंधन के द्वारा सभी टीचरों को सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर प्रिंस तिवारी, धनंजय सिंह, शुभम जायसवाल, तबस्सुम नाज़, सुषमा चौरसिया, वंदना गुप्ता, सुनीता कश्यप, उपासना सिंह आदि शिक्षक व शिक्षिकाएं मौजूद रही.
रिपोर्ट-रविन्द्र यादव/भूपेंद्र कुमार