●Uttar pradesh News In Hindi
भूख और बेकारी हर जगह पसरी हुई है.नगदी का भारी संकट है, क्योंकि पांच- छह महीने से काम धंधा बंद है. दुकानदरों को विशेष पैकेज की जरूरत है.
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समस्याओं पर चर्चा करते हुए , फोटो: pnp |
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चन्दौली: कोरोना महामारी और लंबी अवधि का लॉकडाउन के चलते गांव के दलित, गरीब और मजदूर की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है.
उक्त बातें आज लॉकडाउन के नियम को पालन करते हुए रसिया, पालमपुर, मुन्ना गाँवों में जाकर मजदूरों का हाल लेने के बाद मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कही
उन्होंने कहा कि भूख और बेकारी हर जगह पसरी हुई है. नगदी का भारी संकट है, क्योंकि पांच- छह महीने से काम धंधा बंद है.
चौतरफा बंद है मनरेगा का काम
मनरेगा के तहत गाँव में बहुत कम मजदूरों को मिला, अब तो पूरी तरह से बंद है. राशन देने के मामले में सरकार की व्यवस्था और भ्रष्टतम स्थिति पर पहुंच गई है.
भारी पैमाने पर अभी भी गरीब राशन कार्ड से वंचित हैं. ऐसी स्थिति में गरीबों के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो गया है.
भुखमरी की स्थिति मजदूरों के समक्ष
लॉकडाउन के कारण छह सात महीना से काम धंधा बंद होने के कारण लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. पटरी पर दुकान करने वाले का व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गए हैं. उन्हें कर्ज नहीं राहत की जरूरत हैं, लेकिन सरकार उन लोगों के प्रति संवेदनात्मक व्यवहार करने के बजाए क्रूर व्यवहार ही कर रही है.
सरकार लॉकडाउन को अवसर में बदल रही, जनता संकट में
लॉक डाउन का अवसर में बदलने का काम सरकार कर रही है और जनता संकट से जूझ रही है. इस लॉकडाउन के दौरान कई जन विरोधी नीतियों को थोपा जा रहा है. किसान के खिलाफ अध्यादेश जारी किए गये, वहीं नई शिक्षा नीति गरीब विरोधी तैयार किया गया.
शासन-प्रशासन का हठी रवैया क्यों अपना रहा ?
पूरे देश के छात्र जेईई , नीट का परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. सामान्य स्थिति में परीक्षा कराने की मांग देश के हर कोने से उठ रही हैं. लेकिन हठी सरकार सुनने को तैयार नहीं है. जिसमें प्रवासी मजदूरों को ₹10000 व पटरी व्यवसाय करने वालों को कोरोना लॉकडाउन भत्ता देने की जरूरत है.
छोटे लोन माफ करें केंद्र व यूपी सरकार
स्वयं सहायता समूह -जीविका समूह सहित केसीसी अन्य छोटे लोन माफ किए जाने की सभी गरीबों - मजदूरों के लिए राशन और रोजगार का प्रबंध करने, मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम ₹500 दैनिक मजदूरी देने, दलित-गरीब विरोधी नई शिक्षा नीति 2020 वापस लिए जाने, बचे हुए सभी गरीबों को राशन कार्ड देने संबंधित मांग प्रमुख रूप से उठ रही हैं.
रिपोर्ट: भूपेंद्र कुमार ब्यूरो चीफ चन्दौली