दुर्गावती (कैमूर)। प्रखंड के सावठ पंचायत में ही नहीं बल्कि प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में शौचालय के भुगतान में हेरा फेरी कर पैसे की निकासी का मामला प्रकाश में आ रहा है।
सरकार द्वारा शौचालय अभियान में कैमूर जिले का नाम बिहार में पहले स्थान पर रहा है। इस जिले को जिला पदाधिकारी के अथक प्रयास से शौचालय के मामले में बहुत ही वाहवाही मिली ।
लेकिन दुर्गावती प्रखंड में शौचालय के निर्माण में बहुत बड़ी धांधली का संकेत मिल रहा है।
कहीं पर एक-एक परिवार के सभी सदस्यों का शौचालय भुगतान हुआ है तो कहीं पर शौचालय किसी का तो पैसा किसी के खाते में डाल कर निकासी कर लिया गया है।
जब ग्रामीण भुगतान और अपने पैसे की जांच के लिए प्रखंड मुख्यालय जाते है तो उनसे यह कहा जाता है कि आपके खाते में पैसा चला गया है।
वह बैंक में आकर चेक कराने के बाद फिर ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय में जाकर किसी तरह खाता को दिखाते हैं तो पता चलता है कि नाम मेरा है खाता दूसरे का।
इस तरह का खेल दुर्गावती प्रखंड के प्रत्येक पंचायतों की सघन जांच की जाए तो देखने को मिलेगा।
वैसे खाताधारकों के खातों में पैसे डालकर कमीशन पर पैसे का लेन देन होना प्रतीत हो रहा है।
यदि ग्रामीण कोई कहीं से पैरवी के आधार पर हावी भी होता है तो उससे यह कहा जाता है कि जाने दीजिए आपका खाता नहीं है तो दूसरा फार्म भर कर दीजिए मैं आपको पैसा पुनः दूसरे के नाम पर डाल देता हूं।
ऐसा भी मामला दुर्गावती प्रखंड के कई पंचायतों में देखने को मिलेगा।
फिलहाल बता दें कि सावठ पंचायत के अंतर्गत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 24 ऐसे व्यक्ति हैं जिनमें कई के साथ पैसे डालने में इसी तरह की बात सामने आई है। तो कहीं का ओडीएफ हो जाने के बाद भी अभी तक न उनका फार्म लिया गया है और ना ही भुगतान किया गया है ।
लक्ष्मीना देवी ग्राम दहियाव् के पति रामा शंकर चौबे ने बताया कि हमारा खाता आवेदन में दिया गया था लेकिन मेरा भुगतान किसी साहूकार के खाते में कर दिया गया है।
मैं बहुत दिनों से दौड़ रहा हूं लेकिन इसका समाधान पदाधिकारी नहीं कर रहे हैं इसी तरह सावठ पंचायत में संजय प्रजापति बारामती देवी विनोद कुमार सुजीत कुमार फुल बासी देवी बिहारी पाल लक्ष्मण यादव अशोक कुमार मीरा देवी इंद्रावती देवी लक्ष्मीना देवी अनिल साह नानुह प्रजापति मिट्ठू राम रामजन्म साह विनोद कुमार लालजी पाल गंगा पाल राम कृत यादव राजकिशोर अनिल राम पवन कुमार यादव जगदीश साह राम जन्म साह जैसे नामों का पता चला है। लोगों ने कई बार दुर्गावती प्रखंड मुख्यालय में आवेदन देकर और चक्कर लगाकर परेशान हैं।
इन लोगों का कहना है कि यदि सरकार जांच समिति बनाकर इसकी जांच करा दे तो प्रखंड मुख्यालय के डाटा ऑपरेटर समेत पंचायत के मुखिया और प्रखंड के पदाधिकारी घेरे में आ सकते हैं मामला चाहे जो भी हो लेकिन सरकार के द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत इन लोगों के साथ जो नाइंसाफी हुई है या हो रही है उसके जिम्मेदार कौन है?
Source-संजय मल्होत्रा