ओडीएफ स्वच्छता अभियान पूरी तरह फेल , खुले में शौच कर रहे ग्रामीण

ओडीएफ स्वच्छता अभियान पूरी तरह फेल , खुले में शौच कर रहे ग्रामीण

 ●Bihar News In Hindi

गांवों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, जिसके तहत प्रशासनिक स्तर से शौचालय निर्माण की राशि भी अधिकतर लाभुकों को भुगतान कर दिया गया है. फिर भी खुले में शौच करते हैं।

दुर्गावती (कैमूर )। सरकारी फाइलों में क्षेत्र के विभिन्न गांवों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, जिसके तहत प्रशासनिक स्तर से शौचालय निर्माण की राशि भी अधिकतर लाभुकों को भुगतान कर दिया गया है. इसके बावजूद भी इलाके के कई गांवों में सड़कों पर खुले में शौच करने की ग्रामीणों की आदत बन गई है. अपने आदत से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। 

स्वच्छता अभियान के तहत बनाए गए शौचालयों का प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च  किया गया, फिर भी स्थिति सुधरी नहीं है. 

यहां जागरूकता के अभाव में अभी इलाकों के कुछ ऐसे लोग हैं जो खुले में ही शौच कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों व पगडंडियों के किनारे शौच करना महिलाओं एवं पुरुषों की आदत सी बन गई है, जो सरकार के प्रोत्साहन राशि लेने के बाद भी इज्जत घर का प्रयोग नहीं कर रहे हैं.


ऐसे लोगों के कुकृत्य से रास्ता नरक में तब्दील 

सड़क से गुजरने वाले राहगीरों एवं ग्रामीणों की मानें तो कहते हैं कि प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी तथा प्रतिनिधियों ने जितनी तत्परता से खुले में शौच से निजात को लेकर शौचालय पर प्रोत्साहन राशि का लोगों को भुगतान कराया गया था.

 स्वच्छता जागरूकता को लेकर गांव की गलियों तक लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया था लेकिन उतना ही तत्परता और लगन से स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए खुले में शौच करने वाले लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं की जाने की उदासीनता के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गई है।

 शासन प्रशासन को ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनकी प्रोत्साहन राशि को रिकवरी  कराना चाहिए राष्ट्रीय राजमार्ग लिंक सड़क धनिहारी गांव होते हुए खामीदौरा गांव को जाने वाली सड़क किनारे उगी झाड़ियों में बिखरी पड़ी गंदगी के बीच से रास्ता चलना लोगों को दूभर हो गया है। 

वहीं दूसरी तरफ कर्मनाशा एवं खजुरा राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क किनारे प्रतिदिन महिला पुरुष सड़कों पर ही शौच करते देखे जा रहे हैं जो स्वच्छता अभियान ओडीएफ को झूठलाते नजर आ रहा है । 

खुले में सड़क किनारे गंदगी देखी जा रही है अब नहीं दिखते गांव में लगाए गए स्वच्छता ग्राही के रूप में एक टोली बनाई गई थी अब यह टोली नहीं दिखती है जो शाम ढलते ही खुले में शौच करने वालों को भिसिल मारकर रोकते एवं स्वच्छता के प्रति आम जनों को जागरूक करते थे।

 सड़क किनारे उगी झाड़ियों को समय-समय पर काटकर साफ भी किया जाता था तब लोगों में स्वच्छता के प्रति एक नई उम्मीद एवं आशा की किरण जाग उठी थी खुले में शौच करने वालों ने इन टोलियो और भीसील का भय भी दिखता था। 

Source : संजय मल्होत्रा