उत्तर प्रदेश में बेकारी की भयावह स्थिति से युवा वर्ग कुंठित: राजेश सचान, संयोजक युवा मंच

उत्तर प्रदेश में बेकारी की भयावह स्थिति से युवा वर्ग कुंठित: राजेश सचान, संयोजक युवा मंच

Uttar Pradesh News In Hindi

 22 अक्टूबर को इलाहाबाद समेत प्रदेश भर में प्रशासनिक अधिकारियों, ईमेल व ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा, इसके अलावा बनारस में पीएमओ दफ्तर में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। 

हाई लाइट्स:

●रिक्त पदों पर तत्काल विज्ञापन निकालने की मांग को लेकर 22 अक्टूबर को प्रदेशभर में देंगे ज्ञापन

●बैठक में बेनामी संपत्तियों को जब्त कर रोजगार सृजन में हो इस्तेमाल

सांकेतिक तस्वीर

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प्रयागराज/लखनऊ। युवा मंच की कल देर रात तक चली प्रदेशस्तरीय वर्चुअल मीटिंग में रोजगार व रिक्त पदों पर विज्ञापन जारी समेत विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। 

मुहिम के पहले चरण में 22 अक्टूबर को इलाहाबाद समेत प्रदेश भर में प्रशासनिक अधिकारियों, ईमेल व ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा, इसके अलावा वनारस में पीएमओ दफ्तर में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। 

मीटिंग में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में बेकारी की भयावह स्थिति है लेकिन योगी सरकार सरकारी धन का अपव्यय कर अखबारों में विज्ञापन देकर प्रोपेगैंडा कर भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश में लगी है। 

उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड सरकारी नौकरी देने के आंकड़ों में शिक्षा मित्रों के बर्खास्त होने के बाद एक लाख सैंतीस हजार खाली हुए पदों पर हो रही भर्ती को भी शामिल कर लिया गया है जिसका कोई औचित्य नहीं है। 

इसी तरह स्वास्थ्य विभाग में हुई संविदा की भर्तियों को भी इन आंकड़ों में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा भी ज्यादातर भर्तियां जो पूरी हुई हैं वह पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई भर्तियां ही हैं और हद तो यह है कि अभी भी इनमें से तमाम लंबित भर्तियां भी अधर में हैं। दरअसल वास्तविकता यह है कि प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों और सृजित पदों की संख्या को देखा जाये तो इसमें भारी गिरावट है। 

   उन्होंने कहा कि छह महीने में तीन लाख भर्तियों को पूरा करने की घोषणा के अनुरूप खाका और ठोस रूपरेखा दिखाई नहीं दे रही है। दरअसल शिक्षक भर्ती के लिए आंदोलन के बाद जो अधियाचन भी आये थे, साल भर से मुख्यमंत्री की इजाजत नहीं मिलने से विज्ञापन जारी नहीं हो सका जबकि मुख्यमंत्री हमेशा बयानबाजी करते हैं कि चयन प्रक्रिया तेज करने के आदेश दिए गए हैं। 

प्रदेश भर में तकनीकी संवर्ग में बड़े पैमाने पर पदों के खाली होने के बावजूद इन्हें भरने के बजाय आउटसोर्सिंग व संविदा से काम कराया जा रहा है। 

यूपीपीसीएल के तकनीशियन के 4102 पदों का विज्ञापन ही निरस्त कर दिया गया। जहां तक भर्तियों में पारदर्शिता के दावे का सवाल है तो पूरी तरह से बेबुनियाद है। 

प्रतिष्ठित पीसीएस परीक्षा तक में पीसीएस-18 के परिणाम से स्वतः स्पष्ट है कि स्केलिंग लागू न कर मनमाने ढंग से चयन प्रक्रिया अपनाई गई है और भ्रष्टाचार, भाईभतीजावाद पहले से भी ज्यादा दिखाई दे रहा है। 

मीटिंग में प्रस्ताव लिया गया कि माफियाओं, भ्रष्टाचार नौकरशाहों-राजनेताओं द्वारा अवैध कमाई से अर्जित बेनामी संपत्तियों को जब्त कर शिक्षा-स्वास्थ्य व रोजगार सृजन के लिए खर्च किया जाये। 

लखनऊ में डीएलएड प्रशिक्षुओं, छात्राओं पर लाठीचार्ज की युवा मंच ने कठोर निंदा करते हुए कहा कि सरकार दमन के बजाय युवाओं की रोजगार सहित अन्य समस्याओं का निराकरण करे। मीटिंग में युवा मंच के संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, सहसंयोजक आलोक राय, मीडिया टीम इंचार्ज उदय सिंह लोधी, बीएचयू से निरंकार शुक्ला व रंजन सिंह, संपूर्णानंद विवि से रोहित मिश्रा, तकनीकी संवर्ग से ई. राम बहादुर पटेल, सीतापुर युवा मंच अध्यक्ष नागेश गौतम, सोनभद्र से ज्ञानदास, चंदौली से स्नेहा राय, सुल्तानपुर से विजय मौर्य, शामली से कुलदीप कुमार, जौनपुर से अजय कुमार व देवदत्त साहनी, परमानंद पाठक, अभिलाष गौतम, मनीष कुमार, शनि सिंह सहित तमाम जिलों से प्रतिनिधि शामिल रहे।