Chandauli NewIn Hindi
जहां देशभर के रंग कर्मियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की, इस मौके पर संस्था के संयोजक विजय कुमार गुप्ता ने कहा रंगकर्मी सत्यजीत भट्टाचार्य रंगकर्म के साथ फोटोग्राफर भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ ने एक कर्मयोगी रंगकर्मी को खोया है।
उन्होंने ने कहा सत्यजीत भट्टाचार्य विषम परिस्थितियों में रंगकर्म के साधन में लीन थे। हमने एक संवेदनशील कलाकार को खोया है, लेकिन हमें असमय छोड़ जाएंगे किसी को विश्वास नहीं था।वे रंगकर्म की विधा को आम दर्शक तक पहुंचाने में सफल हुए है।
संस्था के सचिव प्रमोद अग्रहरी ने कहा सत्यजीत भट्टाचार्य रंगकर्म की विधा को विस्तारित किया है, उनके निर्देशन में कई होनहार कलाकार तैयार हुए उनकी असमय निधन से हम सबको और छत्तीसगढ़ प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है।
जिसका भरपाई संभव नहीं है,वह व्यथा की कथा को रंगमंच के माध्यम से सामाजिक जीवन में प्रस्तुत करते रहे हैं।उनके नाटकों में समाज का दर्द होता था,उनके जाने से जीवन की वास्तविक रंग मंच ने एक संवेदनशील पात्र को खोया है।
इस दौरान उपस्थित वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ०आनंद श्रीवास्तव ने कहा की रंगकर्मी का समाज में ना होना बहुत ही दुखद है, क्योंकि एक रंगकर्मी समाज के लिए समाज को बहुमुखी बनाने के लिए अपने जीवन को समर्पित कर देता है वही उपस्थित समाजसेवी डॉ० उमाशरण ने का रंग कला का जो मंच होता है वास्तविक जीवन में बहुत ही संघर्षरत होता है।
इसमें रंगकर्मी अपने कला के माध्यम से समाज को उनकी वास्तविकता दिखाने लिए हैं निरंतर प्रयत्न करते हैं। इस दौरान संस्था के कलाकारों ने सत्यजीत भट्टाचार्य को श्रद्धांजलि अर्पित कर ईश्वर से प्रार्थना की उनके अंदर भी एक सफल रंगकर्मी की तरह वह भी जीवन में एक सफल रंगकर्मी के रूप में समाज के सामने अपने आप को प्रस्तुत कर सकें।
इस दौरान निक्की गुप्ता, सुमन सिंह,रोहित कुमार, दीपक कुमार, अशोक कुमार,विपिन अग्रहरी आदि उपस्थित रहे।