सात निश्चय योजना की खुली पोल गबन मामले में एक को भेजा गया जेल

सात निश्चय योजना की खुली पोल गबन मामले में एक को भेजा गया जेल

 Hindi Samachar-Crime/कैमूर

बिहार में सात निश्चय योजना की पोल खुल चुकी है। पुलिस ने जल नल योजना की राशि गबन मामले में एक को जेल भेजा गया है।

Purvanchal News Print

रिपोर्ट- Sanjay Malhotra

दुर्गावती (कैमूर)। बिहार में सात निश्चय योजना की पोल खुल चुकी है। इस जल नल योजना की राशि गबन मामले में एक को जेल भेजा गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना में सरकारी राशि गबन का मामला अक्सर सुर्खियों में रहा है।

 हालांकि कई स्तर पर इसकी जांच भी की जा चुकी है लेकिन जमीनी हकीकत, योजना की सफलता के हकीकत से कोसों दूर है एक तो नल जल योजना निर्माण के दौरान मानक और गुणवत्ता का पालन नहीं किया गया लिहाजा सभी तो नहीं पर बहुत तेरे पंचायत के वार्डों में योजना बेकार साबित हो रही है।

 बहरहाल सोमवार को दुर्गावती पुलिस ने डुमरी पंचायत वार्ड एक के क्रियान्वयन समिति सचिव रंजीत कुमार को सरकारी राशि गबन के मामले में जेल भेज दिया गया। दरअसल डीएम कैमूर के पत्रांक 558, 4,6 2019 के आलोक में तत्कालीन दुर्गावती बीडीओ प्रशांत कुमार प्रसुन्न ने थाने में लिखित आवेदन देकर डुमरी पंचायत के वार्ड संख्या एक में सात निश्चय योजना की हुई धांधली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था।

ऐसे में वार्ड सदस्य सोमारू राम और सचिव रंजीत कुमार के ऊपर 420, 120 बी और 406 आईपीसी के तहत मामला दर्ज हुआ था इस मामले में पुलिस ने सचिव रंजीत कुमार ग्राम पचिलखी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 

लेकिन आज की जो जमीनी हकीकत है सरकारी राशि गबन करने के मामले में तब दर्ज हुई प्राथमिकी के कुछ माह बाद ही वार्ड सदस्य और वार्ड सचिव के द्वारा नल जल योजना को पूर्ण कर दिया गया था यही नहीं इसकी विधिवत रिपोर्ट तत्कालीन बीडीओ ने दुर्गावती थाने में प्रेषित भी किया था लेकिन तब तक मुकदमा दर्ज हो चुका था।

यही कारण है कि सरकारी राशि गबन के मामले में रंजीत कुमार को जेल जाना पड़ा क्योंकि तब प्रेषित आवेदन में बताया गया था कि डुमरी पंचायत वार्ड संख्या एक में क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के वार्ड सदस्य और सचिव के द्वारा यह बात सामने आई थी कि इनके माध्यम से किसी अन्य बिचौलियों के जरिए नल जल योजना का काम करवाया जा रहा है और प्राप्त राशि के अनुसार कार्य पूर्ण नहीं किया गया।

 जांच उपरांत अभी पता चला है कि यह मामला सरकारी राशि गबन से जुड़ा हुआ है, लेकिन यह सब जग जाहिर हो रहा है कि जिस मामले में वार्ड सचिव को जेल भेजा गया है। यह योजना पूर्ण हो चुकी है।