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"दुष्यंत की ये पंक्तियां - यहाँ तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियाँ, मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा" बेशक, रामगढ़ विधानसभा के प्रखंड दुर्गावती स्थित उत्क्रमित कन्या टेन प्लस टू विद्यालय पर विधायक निधि से बने पानी टंकी पर सटीक बैठती है।
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टंकी लगी है मगर पानी नहीं, फोटो-pnp |
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Edited By : संजय मल्होत्रा
दुर्गावती/ कैमूर। दुष्यंत की ये पंक्तियां - "यहाँ तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियाँ, मुझे मालूम है पानी कहाँ ठहरा हुआ होगा" बेशक, रामगढ़ विधानसभा के प्रखंड दुर्गावती स्थित उत्क्रमित कन्या टेन प्लस टू विद्यालय पर विधायक निधि से बने पानी टंकी पर सटीक बैठती है।
हुआ यूं कि, एक साल पहले विधायक निधि से इस विद्यालय परिसर के भीतर करीब डेढ़ लाख की लागत से विद्यालय में पढ़ने वाले बारह सौ बच्चों और शिक्षकों के लिए साफ सुथरा पानी मुहैया कराने के लिए पानी टंकी का निर्माण कराया गया लेकिन साल 2019 में आई बाढ़ के आगोश में पानी टंकी की पहली इमारत जमीन पर ढह गई।
जिससे पानी टंकी निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठता रहा। खैर, पानी टंकी के जमीन पर के चंद दिनों बाद ही पानी टंकी की नई इमारत खड़ी कर दी गई लेकिन पुराने बोरवेल से ही वाटर टैंक को कनेक्ट करना था जो एक साल बाद भी कनेक्ट नहीं हुआ।
इस कार्य में लगे एलईओ विभाग की लापरवाही का नतीजा है कि बोरवेल को खुले आसमान के नीचे खुलेआम छोड़ दिया गया और खानापूर्ति के नाम पर प्लास्टिक बोरे से बोरवेल को बंद रखा गया है।
विद्यालय के पास अपना खुद का परिसर है। यह बाजार के समीप अच्छी खासी आबादी है। विद्यालय बंद होने या विद्यालय खुले रहने के दौरान बच्चे खेलते हैं और बच्चों ने खुले बोरवेल को क्षतिग्रस्त कर दिए।
आलम यह है कि इस विद्यालय को टंकी से एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है, हालांकि विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि पेयजल के नाम पर दो चापाकल काम कर रहे हैं।
लेकिन पानी पीने योग्य नहीं है आयरन युक्त पानी निकलता है लेकिन काफी पैसा खर्च करने के बाद भी एक साल बाद पानी टंकी से एक बूंद पानी नहीं निकल रहा है।
ऐसी स्थिति में मतदान करने आए लोग जब अपना हलक तर करने पहुंचे तो गुस्से में हो गए। सबसे बड़ी बात यह कि एक साल पहले बना पानी टंकी को बोरवेल के साथ कनेक्ट क्यों नहीं हुआ हालांकि इस सवाल पर पूछे जाने पर विभाग के लोगों ने बताया कि फिलहाल ड्यूटी में हूं, अभी कुछ नहीं किया जा सकता है।
लेकिन सरकारी विभाग को पता नहीं कि जिस पानी टंकी को उनके द्वारा निर्माण किया गया है वह एक साल पहले बनकर तैयार हो गया जिसे आज तक पूर्ण नहीं किया गया।
खास बात यह कि दुर्गावती नदी के किनारे स्थित विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षक व शिक्षिकाएं घर से बोतल बंद पानी लाती है जबकि स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां विकास का पैमाना इतना घटिया है कि कहा नहीं जा सकता है।