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ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और ऑनलाइन विषय वस्तु प्रदाताओं की दिनों दिन बढ़ती संख्या को देखते हुए इनके नियमन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने दायरे बारे में लाने का निर्णय लिया है। साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है।
● कामकाज आवंटन नियमन 1962 में संशोधन के साथ ही तुरंत प्रभाव से एक्टिव
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नई दिल्ली। ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और ऑनलाइन विषय वस्तु
प्रदाताओं की दिनों दिन बढ़ती संख्या को देखते हुए इनके नियमन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने दायरे बारे में लाने का निर्णय लिया है।
आज बुधवार को सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने इस आदेश से संबंधित अधिसूचना को जारी कर दिया है। इसके जारी हो जाने से अब समाचार पोर्टल के साथ ही मनोरंजन, वेबसाइट, नेटफिल्क्स तथा अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफार्म अब सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन हो गया है।
इसके लिए सरकार ने कामकाज आवंटन नियमन 1962 में संशोधन भी किया है। यह बदलाव तुरंत प्रभाव से काम करने भी लगा है। ऑनलाइन समाचार पोर्टल व अन्य ऑडियो वीडियो कंटेंट प्रोवाइडर अभी तक किसी तरह के नियमों से नहीं बंधे थे। इस नियम कानून से वे सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन पूरी तरह से दायरे में आ गए हैं।
अब सरकार इन पर अपना पूरी तरह से अंकुश व नियंत्रण रख सकेगी। पूर्व में भी कई मौके पर सरकार बोल चुकी थी कि ऑनलाइन माध्यमों का नियमन टीवी चैनलों से भी अधिक जरूरी हो गया है। इसी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।