दुर्गावती: रोक के बावजूद स्टील ब्रिज से पार हो रही बालू लदी ओवरलोड गाड़ियां

दुर्गावती: रोक के बावजूद स्टील ब्रिज से पार हो रही बालू लदी ओवरलोड गाड़ियां

 

Hindi Samachar/ कैमूर

यूपी-बिहार बॉर्डर सीमा सरहद खजुरा गांव के समीप कर्मनाशा नदी में बने स्टील ब्रिज पर रोक के बावजूद भी बालू लदी ओवरलोड ट्रकें धड़ल्ले से पास हो रही हैं।

ओवरलोडिंग ट्रकें, फोटो-pnp


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 रिपोर्ट- संजय मल्होत्रा

दुर्गावती ( कैमूर )। स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत यूपी-बिहार बॉर्डर सीमा सरहद खजुरा गांव के समीप कर्मनाशा नदी में बने स्टील ब्रिज पर रोक के बावजूद भी बालू लदी ओवरलोड ट्रकें धड़ल्ले से पास हो रही हैं। बताते हैं कि एनएचआई विभाग की मिलीभगत से इन गाड़ियों को पास किया जा रहा है।

 कर्मनाशा नदी में बने स्टील ब्रिज पुलिया पर प्रति बालू की ओवरलोडेड ट्रकों से एनएचआई विभाग के द्वारा ₹200 की अवैध वसूली कर ट्रकों को पास कराया जा रहा है। बता दें कि कर्मनाशा नदी में बने पुलिया को ध्वस्त होने के बाद यूपी बिहार का आवागमन ठप हो गया था और सभी वरीय पदाधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे थे। उसके बाद पुलिया के दोनों तरफ डायवर्शन रोड बना कर आवागमन को चालू कराया गया था।

 लेकिन कर्मनाशा नदी का जलस्तर पढ़ते ही दोनों डायवर्शन को एनएचआई विभाग के द्वारा जेसीबी से हटा दिया गया और वही कर्मनाशा नदी में स्टील ब्रिज पुलिया बनाया गया और सरकार के द्वारा उक्त स्टील ब्रिज पुलिया पर ओवरलोड गाड़ियों को जाने से पाबंदी लगा दिया गया था बावजूद उसके मिलीभगत से  आए दिन बालू की ओवरलोडेड गाड़ियों को पार कराया जा रहा है यानि रोक के बावजूद स्टील ब्रिज से पार हो रही बालू लदी ओवरलोड गाड़ियां  पास होती हैं।

बीते कुछ दिन पहले बने स्टील ब्रिज पुलिया जर्जर हो गई थी और सभी प्लेटों में टांका करण कराया गया था तब जाकर स्टील ब्रिज पुलिया से आवागमन को दोबारा चालू कराया गया था। लेकिन एनएचआई विभाग के कर्मचारी ढाक के तीन पांच करने से बाज नहीं आ रहे हैं। 

खास बात तो यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क किनारे प्रतिदिन बालू की ट्रकों को खड़ा करने से आए दिन सड़क जाम रहती है जिसके कारण सड़क पर प्रतिदिन दुर्घटना होता रहता है जिसका जिम्मेदार एनएचआई विभाग के कर्मचारी लोग हैं।

 कर्मनाशा नदी में रोक के बावजूद स्टील ब्रिज से पार हो रही बालू लदी ओवरलोड गाड़ियां हर तवज़ पास हो रही हैं। जबकि पुलिया टूटने का कारण बालू की ओवरलोड वाहनों की आवागमन पर पाबंंदी लगी है। 

बताया जाता है कि उसके बावजूद भी ओवरलोडिंग लदी गाड़ियां का आना जाना थम नहीं रह। यह ओवरलोडिंग का खेल शासन प्रशासन के लोग सब कुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बने हुए हैं कान पर जूं तब रेंगता है जब पुलिया क्षतिग्रस्त या टूट कर बिखर जाती है। देखना यह है कि शासन-प्रशासन के लोग क्या इस पर अंकुश लगा सकते हैं।