किसान - मजदूर विरोधी काले कानून वापस ले केंद्र की मोदी सरकार :आईपीएफ

किसान - मजदूर विरोधी काले कानून वापस ले केंद्र की मोदी सरकार :आईपीएफ

Hindi Samachar- चन्दौली

अजय राय ने भाजपा-आरएसएस पर संविधान की आत्मा को खत्म करने का लगाया आरोप 


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नौगढ़ /चन्दौली। आज देश के सभी प्रमुख केन्द्रीय श्रमिक महासंघ और अखिल भारतीय किसान मजदूर संघर्ष समन्वय समिति की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विरोध दिवस के अवसर पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और उससे जुड़े संगठन मजदूर किसान मंच व आदिवासी वनवासी महासभा द्वारा नौगढ़ तहसील मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन  उपजिलाधिकारी को दिया गया।


विरोध कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए एआईपीएफ के राज्य कार्यसमिति सदस्य अजय राय ने कहा कि संविधान में मिले सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय पर लगातार हमला कर आरएसएस-भाजपा उसकी आत्मा को मार रही है। 

केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए किसान विरोधी तीन कानून में पहला कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, दूसरा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और तीसरा कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 किसानों के लिए जनविरोधी है। 

केन्द्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूर विरोधी लाई गई चार श्रम संहिताएं तत्काल वापस लेने योग्य है।

विरोध कार्यक्रम में मजदूर किसान मंच के जिला संयोजक रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा एआईपीएफ से जुड़े संगठन आदिवासी वनवासी महासभा की जनहित याचिका संख्या 56003/2017 में दिए आदेश के अनुक्रम में अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत हो रही जांच में सभी सम्बंधित अधिकारियों तथा क्षेत्रीय लेखपाल, वन विभाग व खण्ड़ विकास स्तर के अधिकारियों को वनाधिकार कानून के प्रावधानों और उसके सुसंगत नियम 2008 व 2012 के अनुसार कार्यवाही करने में हीला-हवाली हो रही है।

 आदिवासी वनवासी महासभा तहसील के संयोजक गंगा चेरो ने कहा का आदिवासियों, दलितों व महिलाओं की सहकारी समिति को वनभूमि पर फलदार वृक्ष लगाने और उससे अपनी जीविका चलाने का अधिकार दिया जाए। वहीं मनरेगा में सौ दिन काम और बकाया मजदूरी का तत्काल भुगतान कराना सुनिश्चित किया जाए उद्योगों में स्थानीय नौजवानों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाए।


उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की अधिसूचना 2005 के अनुरूप कोल आदिवासी जाति को वनाधिकार कानून में पुश्तैनी वन भूमि पर जमा दावों में जनजाति को मिल रही 75 वर्ष अथवा तीन पीढ़ी के कब्जा प्रमाण न देने की सुविधा का लाभ प्रदान किया जाए।

 हर तीन गांव का कलस्टर बनाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निर्मित किया जाए और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी प्रकार की जांचों समेत स्वास्थ्य सुविधाओं की गारंटी की जाए।

नौगढ़ में समुचित सिचाई का प्रबंध किया जाए और टमाटर व मर्चा की खेती देखते हुए चटनी व अचार का कुटीर उद्योग का बढ़ावा दिया जाए।विरोध कार्यक्रम की अध्यक्षता आईपीएफ नौगढ़ प्रभारी रहीमुद्दीन व संचालन इन्दू प्रकाश चेरो ने किया।

विरोध कार्यक्रम में राम गति राम, नासीर भाई,राजकुमार राम,अभिलाष राम,सुरेश खरबार, राजु बियार, भुनैश्वर प्रसाद बियार, फुले खरबार, मीना देवी, गुलाबी देवी, सत्यनारायण राम, नंदू राम, राम बच्चन, लक्ष्मी राम, विघावती बियार सहित कई लोग शामिल रहे।