Hindi Samachar- चन्दौली
भारत मौसम विज्ञान विभाग द्रारा प्राप्त मौसम पूर्वानुमान आंकड़ों के अनुसार आगामी सप्ताह में वर्षा नहीं होने के साथ ही सप्ताह के प्रारम्भ में बादल रहने तथा हवा चलने के आसार है।
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चन्दौली। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्रारा प्राप्त मौसम पूर्वानुमान आंकड़ों के अनुसार आगामी सप्ताह में वर्षा नहीं होने के साथ ही सप्ताह के प्रारम्भ में बादल रहने हवा चलने के आसार है।
औसत अधिकतम तापमान 24.0 से 28.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य, न्यूनतम तापमान 6.0 से 10.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य एवं आर्द्रता 65% से 81% के मध्य तथा सामान्य गति से अधिकतर पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर हवा चलने की संभावना है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस. पी. सिंह एवम अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, चन्दौली कृष्ण मुरारी पांडे कहते हैं कि किसानों को सरसों समय पर बोई गई सरसों की फ़सल में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य को पूरा करें।
वहीं गेंहू को लेकर किसान को सलाह है कि मौसम को ध्यान में रखते हुए गेंहू की बुवाई हेतू खाली खेतों को तैयार करें तथा उन्नत बीज व खाद की व्यवस्था करें। जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो तो क्लोरपाईरिफाँस (20 ईसी) @ 5 लीटर प्रति हैक्टर की दर से पलेवा के साथ दें।
कृषि वैज्ञानिकों ने किसान भाईयो को सलाह दी है कि तापमान को ध्यान में रखते हुए चने की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है। बुवाई से पूर्व बीजों को राइजोबियम और पी.एस.बी. के टीकों (कल्चर) से अवश्य उपचार करें। जबकि मसूर को लेकर
किसानों को सलाह है इस मौसम में मसूर की बुवाई कर सकते है। उन्नत किस्म- पूसा मसूर–5 (एल. 4594)। बीजों को राइजोबियम और पी.एस.बी. के टीकों (कल्चर) से अवश्य उपचार करें।
वहीं किसान इस समय लहसुन की बुवाई कर सकते हैं। उन्नत किस्में –जी-1, जी-41, जी-50, जी-282. खेत में देसी खाद और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें।
किसान वर्तमान मौसम प्याज की बुवाई के लिए अनुकूल है। बीज दर–10 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर। बुवाई से पहले बीजों को केप्टान@ 2.5 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचार अवश्य करें।
किसान को सलाह है कि आलू के पौधों की ऊँचाई यदि 15-22 से.मी हो जाए तब उनमें मिट्टी चढ़ाने का कार्य जरूरी है अथवा बुवाई के 30-35 दिन बाद मिट्टी चढ़ाई का कार्य सम्पन्न करें। यही नहीं
किसान बतखों को 20 फीसदी अनाज वाले दाने, 40 फीसदी प्रोटीन युक्त दाने (जैसे सोया केक या सरसों की खली), 15 फीसदी चावल का कना, 10 फीसदी मछली का चूरा, 1 फीसदी, नमक व एक फीसदी खनिज लवण के साथ 13 फीसदी चोकर देना चाहिए। हर बतख के फीडर में 100-150 ग्राम दाना डाल देना चाहिए।