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योगी सरकार द्वारा किसानों के उपज को धान क्रय केंद्रों पर बेचने का फरमान जारी है, लेकिन विडंबना यह है कि कहीं बोरा नहीं है ,तो कहीं केंद्रों पर ताला लटका हुआ है।
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बन्द पड़ा धान क्रय केंद्र, फोटो-PNP |
चन्दौली। योगी सरकार ने तो किसानों के उपज को धान क्रय केंद्रों पर बेचने का फरमान जारी हो गया, लेकिन विडंबना यह है कि कहीं बोरा नहीं है, तो कहीं केंद्रों पर ताला लटका हुआ है।
लोग कहने लगे हैं कि वाह रे ! योगी सरकार जब हो हल्ला मचाने पर क्रय केंद्र खुल तो गया, मगर यहां ताला लटक रहा है। क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन गांवों के लिए एक भी क्रय केंद्र नहीं खोले जाने के समाचार पत्रों व डिजिटल न्यूज पोर्टलों पर पिछले दिनों प्रमुखता से छापे थे, जिसका असर रहा कि 15 दिसंबर को साधन सहकारी समिति को धान क्रय केंद्र बना दिया गया ।
लेकिन नमी नापने वाली मशीन और बोरा के साथ ही अन्य उपकरण नहीं होने के कारण बुधवार को भी क्रय केंद्र बंद पाया गया। इस संबंध में सचिव राम भजन मौर्या से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बोरा लेने के लिए हम आए हुए हैं। मालूम हो कि किसान बिल से पहले पहली नवंबर किसानों के धान खरीद के लिए क्रय केंद्र खोले गए। जिस पर 13 फरवरी तक किसानों का धान खरीद किया जाएगा। धान क्रय करने का समर्थन मूल्य 1868 मोटा व 1898 महिन का है। विडंबना यह है कि हनुमान तो जारी हो गया लेकिन किसान धान बेचने के लिए भटक रहे हैं।
शासन प्रशासन के पास इसका जवाब नहीं है कि अब तक क्षेत्र में क्यूं नहीं क्रय केंद्र खोला गया था।
कांग्रेस किसान पूर्वी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष अकील अहमद बाबू, किसान नेता केदार यादव, रघुनाथ सिंह, राम नगीना शर्मा, राम अवध पांडेय आदि लोगों ने बताया कि किसानों को सिख बरगलाया जा रहा है
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