चकिया में अखिल भारतीय किसान सभा, किसान महासभा व मजदूर किसान मंच ने किया धरना प्रदर्शन

चकिया में अखिल भारतीय किसान सभा, किसान महासभा व मजदूर किसान मंच ने किया धरना प्रदर्शन

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अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान सभा, किसान महासभा और मजदूर किसान मंच ने गांधी पार्क में धरना, प्रदर्शन किया गया। 

धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अजय राय

Hindi Samachar, चन्दौली। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान सभा, किसान महासभा और मजदूर किसान मंच ने गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया गया। 

चकिया के गांधी पार्क में आयोजित सभा में किसान नेताओं ने आरोप लगाते कहा कि खेती के कानूनों के पक्ष में सफाई देने में और किसानों का समर्थन जुटाने में असफल सरकार सुप्रीम कोर्ट को राजनीतिक ढाल की तरह इस्तेमाल करना चाहती है।

 किसान नेताओं ने कहा कि किसान जनविरोधी कानून बनने के विरोध में दिल्ली को घेर रखे हैं संख्या बढ़ती जा रही हैं। भाजपा की चैतरफा विफलता सबके सामने हैं, कहीं भी रैली में किसानों का समर्थन मोदी सरकार को नहीं मिल रहा हैं। उल्टे विरोध रोकने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करते हुए धान का समर्थन मूल्य 1868 रु0 का भाव देने का फर्जी प्रचार कर रही है।
जबकि किसानों का धान की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। किसान नेताओं ने कहा है कि भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की देश के किसानों की समस्या हल करने में चौतरफा विफलता अब सामने आ गयी है।


 आगे किसान नेताओं ने कहा कि न तो सुप्रीम कोर्ट की किसान विरोधी कानून को लेकर गतिरोध को हल करने मे कोई भूमिका है और न कभी हो सकती है। 

इन कानूनों को भाजपा ने अम्बानी, अडानी व अन्य कारपोरेट घरानों के दबाव में, किसानों के हित के विरूद्ध बनाने का राजनीतिक फैसला लिया है, और वही इसे हल कर सकती है। 

सच यह है कि भाजपा नेतृत्व कारपोरेट के निर्देशों के विरूद्ध जाने में कायरता का परिचय दे रही है। ये किसान यहां भाजपा सरकार को यह बताने आए हैं कि संसद ने गलत कानून बनाए हैं।

आंदोलन में शामिल महिलाएं, फोटो-pnp
इनसे किसान खेतों से उजड़ जाएंगे, खेती का प्रारूप बदल जाएगा, खाने की सुरक्षा घट जाएगी, किसनों पर कर्ज बढ़ जाएगा, इससे आत्महत्याएं व भूख से मौतें बढ़ जाएंगी और जल, वन तथा पारिस्थितिकी का संतुलन बिगड़ जाएगा। 


दिल्ली में किसानों से वार्ता में गतिरोध की घोषणा करते वक्त कृषि मंत्री ने यह दावा किया था कि बहुसंख्यक किसान इन तीनों कानूनों के समर्थन में हैं। पर हो रही घटनाएं साबित कर रही है कि भाजपा मुट्ठी भर किसानों का समर्थन प्राप्त करने में भी सफल नहीं है।

धरना स्थल पर दिल्ली किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं को दो मिनट का मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गई। सभा में मोदी सरकार द्वारा तीन काले कृषि कानून को रद्द करने, अडानी अम्बानी को देश बेचना बंद करने और धान खरीद की गारंटी रद्द करने की मांग उठी।


सभा में शिकारगंज में सिचाई समस्या की हल करने, भोका बंधी को बंधा का दर्जा देने और मछली का ठेका रद्द करने, नहर माइनर की सफाई के नाम पर आए धन की कमीशन खोरी पर रोक लगाने की मांग की गई। शिकारगंज में नलकूप की व्यवस्था को ठीक करने की मांग उठायी गई। वही धान खरीद केंद्र खोलने का भी सवाल गर्म रहा है। 

सभा को एआईपीएफ के राज्य कार्य समिति के सदस्य व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महामंत्री लालचंद यादव,माकपा के तहसील मंत्री शम्भू नाथ यादव, किसान नेता श्याम बिहारी सिंह, राजेन्द्र यादव, रहीमुदीन, रमेश चौहान, मंजू देवी, संतोष चौहान, वसीम अहमद , शेरे अलि  प्रहलाद मिश्रा, सुभाष सिंह पटेल, शिवपुरी राम ने सम्बोधित किया। 

सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा  के जिला अध्यक्ष परमानन्द कुशवाहा, संचालन अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा जिला उपाध्यक्ष विजयी राम ने किया।
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