Hindi Samachar/चन्दौली
आधुनिक युग में भारतीय किसानों के पहले मसीहा-सर छोटू रामजी को उनकी 140वीं जयंती पर शत-शत नमन किया गया।
हाईलाइट्स:
● मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने की उनके संघर्षों की चर्चा और किया शत - शत नमन्.
●24 नवंबर 1881 को पैदाइश थी, पर उनकी इच्छा थी कि बसंत पंचमी के दिन ही उनका जन्मदिन माना जाए.
●ब्रिटिश सरकार में किसान हितों के लिए 22 महत्वपूर्ण कानून पारित करवाये। किसानों को शोषणकारी साहूकारों के चंगुल से मुक्ति दी.
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किसानों के मसीहा सर छोटू रामजी, फोटो-pnp |
चकिया/चन्दौली : आधुनिक युग मे भारतीय किसानों के पहले मसीहा- सर छोटू रामजी को उनकी 140वीं जयंती पर शत-शत नमन किया गया।
अंग्रेज़ी कैलंडर के हिसाब से उनका जन्म 24 नवंबर 1881 को हुआ था, पर उनकी इच्छा थी कि बसंत पंचमी के दिन ही उनका जन्मदिन माना जाए।
दिल्ली बार्डर पर जारी किसान आंदोलन भी व उसके आह्वान पर पूरे देश के किसान सर छोटूरामजी की जयंती मनाया।
सर छोटूरामजी आज़ादी पूर्व, अविभाजित पंजाब मे यूनीनिस्ट पार्टी के संस्थापक थे।
1930 के दशक मे उनके प्रयासों से अविभाजित पंजाब, जिसमें हरियाणा भी था, के किसानों को सूदखोरों और महाजनों से मुक्ति मिली। वे खुद हरियाणा के रोहतक जिले के जाट परिवेश से थे।
हिंदू-मुस्लिम और सिक्ख किसानो मे उनकी ज़बरदस्त पैठ थी। ये माना जाता है कि अगर उनकी 1945 मे मृत्यु नहीं होती तो पंजाब और देश का विभाजन रोका जा सकता था।
सर छोटू राम को याद करते हुए मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा कि सर छोटू राम ने अपनी कठिन मेहनत और समर्पण के साथ, कृषक समुदाय को उचित मार्गदर्शन दिया और ब्रिटिश सरकार में किसान हितों के लिए 22 महत्वपूर्ण कानून पारित करवाये।
किसानों को शोषणकारी साहूकारों के चंगुल से मुक्त करवाया। देश भर में किसान अभी भी संघर्ष की राह पर हैं, जिनके लिए छोटू राम प्रेरणा स्रोत हैं।