Bihar के विकास का सच: भदैनी गांव आजादी के 74 वर्ष बाद भी पक्की सड़क से वंचित

Bihar के विकास का सच: भदैनी गांव आजादी के 74 वर्ष बाद भी पक्की सड़क से वंचित

हाय रे, नीतीश सरकार! बिहार में विकास का सच यह है कि कैमूर जिला के दुर्गावती थाना क्षेत्र में एक गांव है भदैनी, पक्की सड़क नहीं है।

दुर्गावती (कैमूर)।  हाय रे, नीतीश सरकार! बिहार में कैमूर जिला के दुर्गावती थाना क्षेत्र में एक गांव है भदैनी। जहां आजादी के 74 वर्ष बाद भी गांव के लोग ग्रामीण सड़क से वंचित हैं।


 यह गांव राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क से महज दो किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। उक्त गांव में सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।इस बारिश के मौसम में काफी जद्दोजहद स्थिति उत्पन्न हो जाती है।


चारपाई पर मरीज को लेटाकर मेन सड़क तक ले जाते हैं ग्रामीण


 विडंबना तो यह है कि उक्त गांव में अगर महिला या पुरुष बीमार हो जाते हैं तो उसे इलाज कराने के लिए उस गांव में चार पहिया वाहन नहीं जा सकता है और ना ही कोई एंबुलेंस जा सकता है। सबसे ज्यादा परेशानी डिलीवरी वाली महिलाओं एवं बुजुर्गों को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। गांव के लोग चारपाई पर मरीज को लेटाकर सड़क पर ले जाते हैं उसके बाद एंबुलेंस के द्वारा हॉस्पिटल पहुंचाया जाता है


 सांसद, विधायक से लेकर अधिकारी तक सिर्फ देते रहते हैं आश्वासन


ग्रामीण विजय कुमार शमशेर कुमार जोगिंदर कुमार अरविंद कुमार सरोज राम रामजीआवन राम सिपाही राम आदि लोगों ने बताया कि हम ग्रामीण कई बार स्थानीय सांसद एवं विधायक ही नहीं बल्कि जिला पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर उक्त गांव की सड़क को बनाने की मांग कर चुके हैं। उसके बाद भी आज तक सड़क नसीब नहीं हो पाया है। इस गांव में सड़क नहीं बनने के कारण ग्रामीणों ने पिछले विधानसभा चुनाव में वोट नहीं देने का बहिष्कार किया था। जिसका नतीजा हुआ कि स्थानीय विधायक आश्वासन पर आश्वासन दिए कि इस सड़क को बनवाया जाएगा। लेकिन आज तक सड़क नहीं बन पाई है।


बारिश में जूता चप्पल हाथ में लेकर जाने को मजबूर है लोग


 बरसात का समय आ गया है, सबसे अधिक कठिनाई बरसात के दिनों में हो रही है। ग्रामीणों को अपने घर जाने में जूता चप्पल हाथ में लेने की बात तो दूर हैं। साइकिल एवं कपड़ा को कंधे पर रखकर भारी जलजमाव का सामना करना पड़ रहा है,  ऐसे कहे जाने के लिए तो बहुत तेरे लोग समाजसेवी और नेता बनकर वोट की राजनीति करते फिर रहे हैं, लेकिन जनता के विकास पर आज तक कोई नेता ध्यान नहीं दिया है। जिसका जीता जागता उदाहरण भदैनी गांव की मुख्य सड़क है, जो आजादी के 74 वर्ष बाद भी नहीं बन पाई है और ग्रामीणों को जिल्लत की जिंदगी जलना पड़ रहा है।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी ग्रामीण लगा चुके हैं गुहार


 स्थानीय ग्रामीणों ने बिहार के मुखिया  नीतीश कुमार से गुहार लगा चुके हैं। उनकी मांग है कि इस सड़क को पक्का इरादा बनवाया जाए नहीं तो हम सभी ग्रामीण बाध्य एवं विवश होकर राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क की खुदाई कर जन आंदोलन करेंगे अब जेल जाने का कोई पर परवाह नहीं है।



संवाद सहयोगी-संजय मल्होत्र