धनेच्छा गांव का मेन रास्ता नदी में हुआ तब्दील, जलजमाव से राह चलना मुश्किल

धनेच्छा गांव का मेन रास्ता नदी में हुआ तब्दील, जलजमाव से राह चलना मुश्किल

बिहार स्टेट के कैमूर जनपद के दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धनेच्छा गांव के मेन रास्ते पर बरसात के पानी से भीषण जल जमाव हो गया है। 

धनेच्छा गांव में जल जमाव, फोटो -PNP






दुर्गावती (कैमूर)। बिहार स्टेट के कैमूर जनपद के दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धनेच्छा गांव के में रास्ते पर बरसात के पानी से भीषण जल जमाव हो गया है। जिससे ग्रामीणों को राह चलना काफी मुश्किल हो गया है। जलजमाव के पानी निकासी का कोई उचित इन्तजाम नहीं है, इस वजह से गांव के मुख्य मार्ग नदी में तब्दील सा दिख रहा है।


क्या कहते हैं यहां के ग्रामीण? 


यहां के खेदी बिंद, श्याम सुन्दर कुमार , रामनगीना सिंह कुशवाहा, पंचम सिंह, सर्वदेव सिंह, रामप्यारे सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक साल बारिश शुरु होते ही जलजामाव उत्पन्न हो जाता है। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने जल जमाव की निकासी करने के लिए स्थानीय प्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों को प्रत्येक साल इसकी सूचना देते रहते हैं,  लेकिन किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगता है।

आसान नहीं गांव के में रास्ते से गुजरना, फ़ोटो-PNP

इस गांव में आए दिन होती है दुर्घटनाएं


जिसका नतीजा है कि धनेच्छा गांव की गलियों का पानी एवं बरसात का पानी गांव के मेन रास्ते पर इकट्ठा होने से भीषण जलजमाव का कारण बन गया है। जिससे राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है। 

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नतीजतन गांव के छोटे-छोटे बच्चे एवं बुजुर्ग महिलाओं को घर से सड़क पर निकलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और उक्त जलजमाव में साइकिल और मोटरसाइकिल सवार के साथ पैदल चलने वाले आए दिन गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं और खासकर ज्यादा गांव के वृद्ध महिला पुरुषों को आने जाने में काफी लोहे का चना चबाना पड़ता है।


 क्या यही है बिहार सरकार की धरातल स्तर पर विकास?


ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बरसात के पानी निकासी नहीं कराया गया तो सभी ग्रामीण बाध्य एवं विवश होकर जन आंदोलन करेंगे। लोगों का कहना है कि धनेच्छा गांव के मेन रास्ते पर बरसात के पानी से भीषण जल जमाव से छुटकारा कब मिलेगा? 


इतने बर्षों से लेकर अब तक किसी जनप्रतिनिधि को इस समस्या पर नजर नहीं गई। मगर वोट लेने सभी पहुंच जाते हैं। सच में क्या यही है कि नीतीश सरकार का गांवों के विकास करने के फार्मूला।

संवाद सहयोगी: संजय मल्होत्रा