यूपी: बाँदा विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी के जांच का आदेश

यूपी: बाँदा विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी के जांच का आदेश

Brief

उत्तर प्रदेश के बाँदा कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता से जुड़े आरोपों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

सांकेतिक फोटो

Detail

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बाँदा कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता से जुड़े आरोपों की जांच के आदेश दिए गए हैं। 

आरोप रहा कि नियुक्ति के लिए जारी किए विज्ञापनों में आरक्षण संबंधी गंभीर अनियमितताएं बरती गई है। खबर है कि उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर की गई गड़बड़ी की जांच करने आदेश दे दिया है।

इस संबंध में कृषि मंत्री ने अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी को जांच करने के लिए निर्देशित किया है। इस तरह की गड़बड़ी के आरोप भाजपा के चंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने लगाते हुए मुख्यमंत्री, राज्यपाल पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष व अपर मुख्य सचिव कृषि को पत्र लिखा था। उसमें शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण नियमों का उल्लंघन बताया था। 

यहां 15 नियुक्तियों में 11 जाति विशेष के लोगों को चयनित किया गया है।  विधायक की इस शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने भर्तियों के लिए 40 पदों का विज्ञापन दोबारा निकालना पड़ा और इन दोनों विज्ञापनों में एक माह का अंतर है।

आरोप है कि दोनों विज्ञापनों में आरक्षण संबंधी गंभीर त्रुटि बरती गई है। विधायक का आरोप रहा कि विज्ञापन पूर्व रोस्टर आरक्षण एवं संवर्ग वार निश्चित न करने से दोनों विज्ञापन के कुल 40 पदों में से 29 पदों की कैटेगरी का आवंटन गलत तरीके से हुआ है। 

साथ ही दोनों विज्ञापनों में हुई त्रुटियों को दूर करने के लिए सभी 40 पदों का एक साथ विज्ञापन कराने ताकि यह शासकीय व्यवस्था के हिसाब से हो सके। 

उन्होंने आरोप लगाया था कुछ खास वर्ग को लाभ देने के उद्देश्य से विज्ञापन को दो टुकड़ों में निकाला गया। इस वजह से आरक्षण रोस्टर में काफी छेड़छाड़ किया गया।