Bihar: रोहतास में 974 मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ निस्तारण

Bihar: रोहतास में 974 मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत में 974 मामले निपटे। सासाराम मे 476, डेहरी में 154 और बिक्रमगंज में 344 मामलों का निपटारा किया गया। 

लोक अदालत का दीप प्रज्वलित कर उदघाटन करते हुए अतिथिगण

हाइलाइट्स

पक्षकारों का बैंकों के साथ करीब छह करोड़ रुपए का हुआ समझौता

मोटर दुर्घटना के पीड़ितों व कंपनी में एक करोड़ 18 लाख का सेटलमेंट

संजय कुमार तिवारी, सासाराम (रोहतास)। जिला के न्यायमंडलों में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 974 मामले निपटे। सासाराम मे 476, डेहरी में 154 और बिक्रमगंज में 344 मामलों का निपटारा किया गया। पक्षकारों और बैंकों के बीच करीब छह करोड़ रुपए का समझौता हुआ। 

वही मोटर वाहन दुर्घटना के मामले में पीड़ित परिवारों एवं इंश्योरेंस कंपनी के बीच 11837564 रुपए का सेटलमेंट हुआ। 

कोरोना संक्रमण के बीच आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में सरकारी गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया गया। पक्षकारों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बेंचों में पहुंचाया गया। इसके बाद एक-एक कर बारी-बारी से मामले निपटाए गए।

 राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान बैंकों के 758 और मोटर वाहन दुर्घटना के 22 मामले निपटे। वही वन के एक और टेलीफोन के एक मामले निपटे। इसके अलावा मापतौल और क्रिमिनल के 189 मामले निपटाए गए।

इसके पूर्व राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला जज राजेंद्र प्रताप सिंह एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारियों ने दीप जलाकर उद्घाटन किया। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुबह 10:30 बजे कामकाज शुरू हुआ, जो शाम 4:30 बजे तक चलता रहा। हालांकि कोरोना संक्रमण और धान की रोपनी के कारण पहले की तरह राष्ट्रीय लोक अदालत में भीड़ नहीं थी।

लेकिन सुबह 10:30 बजे से ही पक्षकार कचहरी परिसर पहुंचने लगे थे। दोपहर तक न्यायालय परिसर में अच्छी खासी भीड़ हो गई थी। कई पक्षकार अपने अधिवक्ता के साथ बेंचों में पहुंचे थे। बेंचों में मौजूद न्यायिक पदाधिकारियों और बीमा, बैंक और अन्य विभागों के अधिकारियों के बीच आपसी सहमति से करार पत्र तैयार किया गया। जिस पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किये।

मामलों का निस्तारण करते जज व अन्य

सबसे अधिक भीड़ बैंकों के लिए बने बेंच नंबर दो, चार, पांच और छह में देखने को मिली। सासाराम में पंजाब नेशनल बैंक के 111 मामले निपटे और पक्षकारों से एक करोड़ 32 14 हजार 730 रुपए का समझौता हुआ। वहीं दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के 145 मामले निपटे और 7310400 रुपए का पक्षकारों से समझौता हुआ। स्टेट बैंक के 34 मामले निपटे और पक्षकारों से एक करोड़ 13 लाख 67 हजार 188 रुपए का समझौता हुआ। वहीं अन्य बैंकों के 45 मामले निपटे और पक्षकारों से 5614900 रुपए का समझौता हुआ।

डेहरी में क्रिमिनल के 26 मामले निपटे और 10000 रूपए का समझौता हुआ। वहीं बैंकों के 128 मामले निपटे। पक्षकारों के साथ बैंकों का एक करोड़ 42 लाख 1249 रूपए का समझौता हुआ। बिक्रमगंज में क्रिमिनल के 49 मामले निपटे। बैंकों के भी 295 मामले निपटे  और पक्षकारों  के बीच एक करोड़ पचास लाख रुपए का समझौता हुआ। खास बात यह रही कि राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन वैवाहिक वाद भी निपटाए गए।

बेंच एक में अपर जिला जज आशुतोष कुमार, बेंच दो में अपर जिला जज परिमल कुमार मोहित, बेंच तीन में अपर जिला जज अभिषेक कुमार भान, बेंच चार में अपर जिला जज आलोक कुमार पांडेय, बेंच पांच में अपर जिला जज आनंद विश्वास धर दूबे, बेंच छह में अपर जिला जज छेदी राम, बेंच सात में प्रभारी सीजेएम राघवेंद्र नारायण सिंह, बेंच आठ में मुंसिफ दिलीप कुमार राय और बेंच नौ में न्यायिक दंडाधिकारी पल्लवी मौर्या ने मामले की सुनवाई की।

सुलह समझौता से मुकदमेबाजी का होता है अंत : जिला जज

सासाराम। सुलह समझौता से पक्षकारों के बीच पूर्ण शांति एवं सद्भावना स्थापित हो जाती है और मुकदमे बाजी का अंत हो जाता है। इसके लिए सबसे अच्छा और सुलभ प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय लोक अदालत है। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कोई भी पक्षकार बिना किसी शुल्क के मुकदमे का निष्पादन करा सकता है। 

उक्त बातें राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन के बाद जिला जज राजेंद्र प्रताप सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके आदेश के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच विपरीत परिस्थिति में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाने के पीछे राज्य विधिक सेवा प्राधिकार का मकसद यही है कि लोग मुकदमे बाजी का अंत करा कर सुख-शांति व अमन चैन के साथ एक साथ मिलजुल कर जीये। हालांकि महामारी ने भी हमें ऐसा करना सिखाया है। हमें आपस में मिलजुल कर गिला शिकवा भूलकर देश, समाज और अपने परिवार की तरक्की के लिए काम करना चाहिए।

सुरक्षा और पेयजल की हुई थी व्यवस्था

राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला जज के निर्देश पर कचहरी परिसर में सुरक्षा और पेयजल की व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा के लिए दोनों मेन गेट पर पुलिस बल की तैनाती थी। वही परिसर के अंदर पुलिसकर्मी संदिग्धों पर नजर रख रहे थे। कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों को सचेत भी करते पुलिसकर्मी नजर आए। 

वही पेयजल के लिए नगर परिषद द्वारा टैंकर से जलापूर्ति की गई थी। राष्ट्रीय लोक अदालत के शांतिपूर्ण संपन्न होने पर जिला जज आरपी सिंह एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव विवेक कुमार सिंह ने अधिवक्ताओं और आम लोगों के प्रति आभार जताया और कहा कि विपरीत परिस्थिति में लोगों ने जिस धैर्य के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत में मामले में निष्पादन कराने में सहयोग दिया है, वह सदैव याद रखा जाएगा।

राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला जज ने किया निरीक्षण

कचहरी परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला जज ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पक्षकारों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी। साथ ही उन्होंने बेंच में तैनात न्यायिक पदाधिकारियों और अधिकारियों से पक्षकारों के मामले में लचीला व्यवहार अपनाते हुए सुलह समझौता करने को कहा।

कई पक्षकारों ने बताया कि उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है। इस पर जिला जज ने बेंच को निर्देशित किया। वही जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव विवेक कुमार सिंह भी राष्ट्रीय लोक अदालत का मुआयना करते नजर आए।

उन्होंने कोरोना संक्रमण के बीच बेंचों में मामले निष्पादित करने में सहयोग करने वाले न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं और कर्मियों के प्रति आभार जताया और कहा कि इनकी बदौलत ही इतने केस का निष्पादन संभव हो सका है।