डीजल की कीमतों में वृद्धि से कृषि एवं किसानों की स्थिति चिंताजनक- राजनारायन सिंह

डीजल की कीमतों में वृद्धि से कृषि एवं किसानों की स्थिति चिंताजनक- राजनारायन सिंह

डीजल की कीमतों में लगातार  वृद्धि से सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। किसानों की आर्थिक स्थिति दिन - प्रतिदिन दयनीय एवं चिंताजनक होती जा रही है। 



दिनारा (रोहतास)। डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बेतहाशा वृद्धि से सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति दिन पर दिन दयनीय एवं चिंताजनक होती जा रही है। 

उक्त बातें सम्पूर्ण क्रांति मोर्चा के बिहार प्रदेश महासचिव सह रोहतास जिलाध्यक्ष राजनरायन सिंह ने दिनारा प्रखंड मुख्यालय परिसर में कही।


  उन्होंने यह भी कहा कि कोविड 19 को लेकर लॉक डाउन  का सबसे ज्यादा असर भी किसानों पर ही पड़ा है। कृषि  उपज धान व गेहूँ इस क्षेत्र की मुख्य फसल है। सरकार द्वारा लागू न्यूनतम समर्थन मूल्य  केवल दिखावा है।सरकार की कृषि उपज की खरीद में कोई दिलचस्पी नहीं है।


लिहाजा किसान ओने पौने कीमत पर अपना धान एवं गेहूँ बेचने को विवश हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में किसान 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर अपना गेहूं बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज किसानों को 10से 12 वर्ष पूर्व के मूल्य पर अपना अनाज बेचना पड़ रही है। डीजल की कीमत में हो रही वृद्धि से कृषि कार्य महंगा साबित हो रहा है।


 उन्होंने केंद्र व राज्य की मौजूदा सरकार को किसानों के प्रति सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए  कहा कि फैक्ट्री निर्मित उत्पाद की कीमत तो प्रति वर्ष बढ़ रही है, परन्तु किसानों की फसल की कीमत कम हो रही है। उन्होंने सरकार से सवालिया लहजे पूछा कि क्या यही है सबका साथ- सबका विकास? 


उन्होंने डीजल की कीमत में हो रहे वृद्धि से यातायात का किराया बढ़ने,इसका सीधा असर गरीब किसान एवं निम्न मध्यम वर्ग पर पड़ने का भी जिक्र किया।इस अवसर पर जय किसान आंदोलन के नेता नौशाद खान, जानकी भगत, प्रखंड जदयू के सक्रिय सह प्रगतिशील किसान अरुण कुमार सिंह भी मौजूद थे।