सावन के पहले सोमवार को आज पूर्वांचल के चन्दौली समेत देश भर के मंदिरों में भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक करने वालों की भारी भीड़ लगी रही।
![]() |
बाबा कलेश्वरनाथ स्वयंभू लिंग |
उदय कुमार राय, चन्दौली/ पूर्वांचल। सावन के पहले सोमवार को आज पूर्वांचल के चन्दौली समेत देश भर के मंदिरों में भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक करने वालों की भारी भीड़ रही। मंदिर परिसर बोल बंम के नारों से गूंजते रहे।
चंदौली में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से संबद्ध सकलडीहा रेलवे स्टेशन स्थित बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर में पूजा पाठ करने वाले भक्तों का तांता लगा रहा। यह कार्यक्रम पूरे दिन चला। कई जगहों पर शिव भोलेनाथ की झांकी और दर्शन के लिए लोगों को लाइन में खड़े होकर इंतजार भी करना पड़ा।
काशी विश्वनाथ के दर्शन को रात्रि से ही लग गयी थी शिव भक्तों की लाइन
बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर सहित अन्य जगहों पर रविवार की रात से ही लोगों की लाइनें लगनी शुरू हो गई थीं। आज दोपहर बाद तक मंदिरों में भीड़ और लोगों का उत्साह लगातार बना हुआ देखा गया।
सावन के पहले सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने के लिए रात से ही भक्तों का आना-जाना शुरू हो गया था। इस दौरान शिवभक्तों के जयकारे से मंदिर के आसपास का क्षेत्र गुलजार रहा।
कोरोना संक्रमण के कारण बाबा भोलेनाथ भक्तों को कुछ पाबंदियों के बीच दर्शन, पूजन और जलाभिषेक करने को मिला। हर साल की तरह सावन में भक्तों को बाबा के झांकी दर्शन भी होंगे।
"बोल बंम का नारा है, बाबा तेरा सहारा है" के नारों से गूँजते रहे मंदिर परिसर
आज सुबह ही बाबा कालेश्वर नाथ के स्वयंभू लिंग का दर्शन पूजन को लेकर "बोल बंम का नारा है, बाबा तेरा सहारा है" के नारों से गूँजने लगा था। श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए शिवभक्तों का रेला वाराणसी पहुंचने लगा था। सावन के पहले सोमवार को बाबा कलेश्वरनाथ का जलाभिषेक करने के लिए भोर से शिवभक्त कतारबद्ध होने लगे थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाबा दरबार में प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दर्शन पूजन व जलाभिषेक कराया गया।
सावन को देखते हुए बाबा कलेश्वरनाथ मंदिर में विशेष तैयारी हुई है। इस बार भक्तों ने लाखों रुपये खर्च करके सुंदरीकरण किये गए मंदिर में स्वयंभू लिंग के माथा टेके। मंदिर में गर्भगृह की व्यवस्था भी काफी बदल गई है। अब मंदिर में भीड़ की तनिक भी गुंजाइश नहीं है। क्यूंकि बाहर निकलने के लिए बड़ा गेट बन चुका है। और मंदिर परिसर की रेलिंग भी हो चुकी है। नए रंग रोगन व संगमरमर से यह मंदिर काफी भव्य दिख रहा है।