काराकाट प्रखंड क्षेत्र का बाल विकास परियोजना कार्यालय लगभग 23 वर्षो से भवन विहीन पड़ा है।
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जर्जर बाल विकास परियोजना दफ्तर |
● ब्लॉक कार्यालय दो जर्जर भवन के सहारे, स्टॉप की जिंदगी राम भरोसे
● भवन के अभाव में कार्य करने में कर्मियों को होती है परेशानी
बिक्रमगंज (रोहतास)। काराकाट प्रखंड क्षेत्र का बाल विकास परियोजना कार्यालय लगभग 23 वर्षो से भवन विहीन पड़ा है।
जिस भवन विहीन कार्यालय की आज तक किसी वरीय अधिकारी ने खोज खबर तक नही ली। जिसके कारण सीडीपीओ कार्यालय का कार्य अब अधर में लटकता नजर आ रहा है। भवन के अभाव में कर्मियों को आये दिन भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में भी कार्यालय का कार्य ब्लॉक कार्यालय के दो जर्जर स्टॉप रूम के राम भरोसे चल रहा है। जंहा बारिश होते ही कार्यालय जलमग्न हो जाता है। जो कभी भी बड़ी हादसा को अंजाम दे सकता है। वही इस परिस्थिति में विभाग से जुड़ी जरूरी कागजात को भी छत से टपक रही वर्षा की पानी से बचाना मुश्किल हो जाता है।
जबकि बारिश के दिनों में छत से निरंतर पानी टपकने के कारण पूरा कार्य रहित कार्यालय गीला हो जाता। जिससे बिजली की करंट भी दीवार में आने लगती है। जिससे विभाग के सभी कर्मियों में आये दिन मौत का दहशत कायम रहता है।
1998 से स्वीकृत है बाल विकास परियोजना कार्यालय
काराकाट प्रखंड अंतर्गत बाल विकास परियोजना कार्यालय स्थापित सत्र-1998 से स्वीकृत है। जिसके बाद से ही यह कार्यालय लगभग 23 वर्षो से भवन विहीन पड़ा है।
जंहा सत्र 1998 से वर्तमान सत्र-2021 अगस्त माह अभी तक 19 सीडीपीओ ने भवन विहीन बाल विकास परियोजना कार्यालय में पदभार ग्रहण कर समस्या रहित अपने कार्य को निर्वहन करते आ रहें है।
सेविका - सहायिकाओं की मीटिंग तक की जगह नहीं, बैठने में परेशानी
काराकाट प्रखंड अंतर्गत सभी 20 पंचायत की बाल विकास परियोजना कार्यालय पदस्थापित सेविका-249 व सहायिका-253 सहित मिलाकर 502 की संख्या निर्धारित है। जिनका विभाग द्वारा कार्य कलाप प्रारूप को लेकर मासिक बैठक तहत उन्हें कार्य को लेकर दिशा निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन विभागीय भवन परिसर नही होने के कारण बहुत से सेविका- सहायिका की अनुपस्थिति रहती है।
क्या कहती हैं सीडीपीओ कलावती देवी ?
इस संबंध में सीडीपीओ कलावती देवी ने बताया कि इस भवन विहीन कार्यालय से संबंधित समस्या के संबंध में हमने जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार सहित एसडीएम विजयंत को तत्काल कार्यालय भवन स्वीकृति कराने को लेकर लिखित आवेदन तहत काराकाट प्रखंड अंर्तगत वर्षो से खाली पड़ी किसान भवन सहित लोहिया भवन को कार्यालय कार्य हेतु स्वीकृत कराने की आग्रह किया है। लेकिन अभीतक इस मामलें में वरीय अधिकारियों द्वारा कोई संज्ञान नही लिया गया है।