नीतीश कुमार की पुलिस ने देश की आज़ादी के दिन शर्मशार कर दिया। एक वृद्ध द्वारा 'बाबा साहब अमर रहे' का नारा लगाने पर दरोगा ने अपमानित कर रामगढ़ थाना परिसर से बाहर जाने को कहा।
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दारोगा के दुर्व्यवहार से रामगढ़ थाना में आक्रोशित नागरिकगण, फोटो-pnp |
यह दृश्य देखते ही थाना परिसर में क्षेत्रीय जनता आग बबूला हो गई और दरोगा के इस कृत्य का विरोध की। जब वृद्ध ने दरोगा से कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का देश को आजाद कराने में अहम भूमिका रही है और वे भारत के संविधान निर्माता हैं, आप उनको इस तरह से 15 अगस्त के दिन अपमानित नहीं कर सकते हैं।बावजूद थाने के एसआई दरोगा जरा भी नहीं समझ सके और थाना परिसर में ही पुलसिया रौब दिखाते हुए वृद्ध व ग्रामीणों के साथ धक्का-मुक्की और दुर्व्यवहार करते रहे।
इस तरह आज स्वतंत्रता दिवस पर रामगढ़ थाना प्रभारी द्वारा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के साथ एक वृद्ध को अपमानित किया गया। यहां दरोगा इतने भड़के की जब नागरिकों ने उनसे कहा कि आप ऐसा न करें, उसके बावजूद भी एसआई दरोगा ने पुलिसिया रौब दिखाते हुए वृद्ध आदमी को थाना परिसर में अपशब्दों का प्रयोग करने से बाज नहीं आए।
इस घटना के बाद ग्रामीणों ने कहा कि बाबा साहब अमर रहे का नारा लगाने पर इस तरह से धक्का-मुक्की करना काफी घोर निंदनीय व अपराध भी है। बाहर निकलने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी भी किया और बिहार सरकार से मांग किया है कि ऐसे पुलिस अधिकारी के उपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर बर्खास्त किया जाए, नहीं तो भारी जन आन्दोलन होगा। यह रामगढ़ की जनता हैं, चुप बैठने वाले नहीं हैं। महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।