राजीव गांधी अपने पारदर्शी एवं दूरदर्शी चिंतन से देश को 21 वीं सदी में सामाजिक,आर्थिक और राजनैतिक जीवन के साथ प्रवेश करने की कल्पना करने वाले अकेले व्यक्ति थे।
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राजीव गांधी विचार समिति के अध्यक्ष हृदयानंद मिश्र । फोटो-pnp |
राजीव गांधी ने दूरदर्शी चिंतन से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियों में नयी दिशाओं की योजनाएं तैयार की और ग्रामीण नागरिकों को महानागरिक जीवन के लिए नया संस्कार दिया। 18 वर्षों की आयु सीमा वाले युवाओं को मतदान का अधिकार दिया। जवाहर रोजगार योजना राजीव गांधी की क्रांतिकारी विचारधारा का ही परिणाम है।
भारत को कंम्पयूटर युग में प्रवेश कराने का श्रेय इन्हीं को जाता है। अचानक 21 मई 1991 को मद्रास से 50 किलोमीटर दूर श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी सभा में आम जनता के बीच एक भयंकर बमविस्फोट के शिकार हो कर देश के लिए शहीद हो गए।
आज भी देश उनके सौम्य एवं निष्पक्ष व्यक्तित्व एवं निडर आचरण का कायल है। राजीव गांधी ने अपने सौम्य व्यक्तित्व, स्पष्ट भाषण और उदात्त संस्कारों से अपने प्रधानमंत्रित्व काल में भारत में एक नया आयाम प्रदान किया। प्राथमिक स्तर पर आपरेशन ब्लैक बोर्ड इन्हीं का आंदोलन था। समाज के सभी वर्ग के बच्चे इससे लाभान्वित हुए। नवोदय विद्यालय की स्थापना का श्रेय राजीव गांधी को ही जाता है।
इनके कार्यकाल में दलितों, महिलाओं, युवाओं आदिवासियों के कल्याण हेतु जो योजनाएं चलाई गई। वह भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्नों में सदा अंकित रहेंगे। ऐसे युगद्रष्टा, राष्ट्र निर्माता, सांस्कृतिक जीवन के प्रतिष्ठाता युग पुरुष को मेरा कोटिश: नमन है।