प्राचीन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक समागम का आयोजन

सकलडीहा रोड स्थित प्राचीन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक समागम का आयोजन किया गया। भक्तों ने भगवान शिव की पूजा कर रुद्राभिषेक किया।

रुद्राभिषेक करते हुए शिव मंदिर में, फोटो-pnp

चन्दौली/अलीनगर। सकलडीहा रोड स्थित गुरुवार को प्राचीन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक समागम का आयोजन किया गया।भक्तों ने भगवान शिव की पूजा कर रुद्राभिषेक किया।

कांवरिया सेवा संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सहित वार्ड वासी पूजा में शामिल हुए। मंदिर के पुजारी ने बताया कि रुद्राभिषेक कभी भी किया जाए, यह बड़ा ही शुभ और फलदायी माना गया है। 

लेकिन सावन में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। शिव महापुराण के रुद्र संहिता में बताया गया है कि सावन के महीने में रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी है। रुद्राभिषेक के दौरान शिवलिंग को दूध से स्नान कराकर पूजा-अर्चना की जाती है। 

यह सनातन धर्म में सबसे प्रभावशाली पूजा मानी जाती है जिसका फल तत्काल प्राप्त होता है। इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्टों का अंत करते हैं और सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं। 

उन्होंने कहा कि शिव महापुराण में कहा गया है, 'सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका: अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र से संबंधित हैं।

 जैसा कि मंत्र से साफ है कि रुद्र ही सर्वशक्तिमान हैं। यह भगवान शिव का प्रचंड रूप है इस रूप की विधि-विधान से पूजा करने पर ग्रह-नक्षत्रों की बाधाएं दूर होती हैं और वे शुभ फल देते हैं। साथ ही रोगों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

 इस अवसर पर मनोज यादव,अनु पांडे, राजेंद्र यादव, शुभम तिवारी, पवन चौहान, वीरेंद्र गुप्ता, भीम यादव, मनीष जायसवाल, प्रदीप शर्मा, गोलू यादव, मन्नू पांडे आदि लोग उपस्थित थे।