जनाक्रोश बढ़ा : सलया ताल - बंधी से विस्थापित जमीन के खरीदारों ने किया प्रदर्शन, जमीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग

जनाक्रोश बढ़ा : सलया ताल - बंधी से विस्थापित जमीन के खरीदारों ने किया प्रदर्शन, जमीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग

सलया ताल - बंधी में दस्तावेजी जमीन की स्थिति से अनजान लोगों को बेदखल किए जाने को लेकर आईपीएफ ने मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की मांग की।

प्रदर्शन करते हुए लोग, फोटो-pnp

चन्दौली /चकिया : ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने  सलया ताल बंधी में जमीन के खरीदार व मकान बनाकर जीवनयापन करने वालों को बेदखल कर कटीली तार से घेरे बंदी के बाद से जन आक्रोश बढ़ गया है। जमीन को खरीद करने वालों  चकिया में हो रहें भाजपा सम्मेलन में भी फरियाद की है, लेकिन वहाँ से निराश होने पर उन्हें सड़कों पर उतर कर विरोध करना ही अंतिम रास्ता समझ में आया। 


न्याय दो- न्याय दो, हम मेहनत से जमीन खरीदें हैं, जोड़ कर मकान बनाऐ थे अब हम कहां जाएं । किस अधिकारी से गुहार लगाए हमारी गलती क्या हैं यह 28 परिवार जो सलया ताल में कुछ परिवार एक-एक पाई जोड़ कर जमीन खरीदें या मकान बनाया था। यह दर्द सबके चेहरे से झलक रहा था और जुबां से बयां हो रहा था। 


जमीन की खरीद करने वाले की मांग थी कि हमें घर या जिससे हम जमीन खरीदें हैं उस पर मुकदमा हो। साथ ही जमीन के दस्तावेज में हेराफेरी करने वाले तहसील के कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हो। ये लोग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के द्वारा उनकी बातें न सुनने के भी आरोप लगा रहे थे! प्रदर्शन करने वाले में संतोष गुप्ता, निरज गुप्ता, विजय, रामधनी, अवधेश सिंह, सहित सभी 28 परिवार की महिलाएं भी रहीं जो जमीन खरीदें हैं। 

 

वहीं दूसरी ओर आईपीएफ नेता अजय राय ने कहा कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट साहब को चाहिए कि जिन लोगों ने जमीन खरीदी है, उनके दर्द को भी सुनना चाहिए था और उसका हल भी निकालना चाहिए था। क्योंकि यह सच में अतिक्रमणकारी नहीं हैं। 


एक-एक पैसा मेहनत से कमाकर जमीन की खरीदे थे और कुछ लोग उस जमीन पर मकान बनाए थें। जमीन जो खरीदें थे या मकान बनाए थे उनको भी न्याय मिले। आज उस सवाल पर मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा गया है।