जाने कौन सा है आपकी किस्मत को जगाने वाला रत्न ?....पढ़े पूरी रिपोर्ट

जाने कौन सा है आपकी किस्मत को जगाने वाला रत्न ?....पढ़े पूरी रिपोर्ट

रत्नों को किस्मत से इस भांति जोड़ा गया है कि रत्न धारण करते ही किस्मत जागना तय है। ऐसी उम्मीद प्रायः सभी की रहती है। वास्तविकता भी ऐसी ही है। 


हमें बहुत से उदाहरण मिलते हैं जिसमें रत्न धारण करने से लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आ गया। उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातर आगे ही बढ़ते गए।


सुपर स्टार अमिताभ बच्चन व उनके पिता स्व. हरिवंश राय बच्चन इसके उदाहरण

ऐसा ही सर्वाधिक प्रसिद्ध उदाहरण हरिवंश राय बच्चन व अमिताभ बच्चन का है। कहते हैं कि हरिवंश राय बच्चन के सितारे जब गर्दिश में थे उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो चुकी थी तब उनके एक मित्र ने उनकी कुंडली एक ज्योतिषी को दिखाया और उन्होंने रत्न पहनने के लिए कहा। दोनों रत्न खरीदने दुकान पर गए। परन्तु हरिवंश राय बच्चन के पास उसको खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, तब उनके मित्र ने कहा कि कोई बात नहीं है आप इसे ले लो। पैसे मैं दे दूंगा। 


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बाहर निकलते ही हरिवंश राय बच्चन ने अपने मित्र से कहा कि वास्तव में रत्न  काम कर रहा है। क्योंकि अपने हाथ में लेते ही मैं उसे खरीद सका। जबकि मेरे पास पैसे नहीं थे। बाद में उनकी आर्थिक स्थिति बदला और देश के सुप्रसिद्ध कवि के रूप में प्रतिष्ठित हुए। आज भी लोग उन्हें सम्मान से याद करते हैं। उनके जीवन में आगे बढ़ने में कुछ रोल रत्न का होता है। यह सत्य साबित हो गया।




ऐसे रत्न ने जगा दी सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की सोई किस्मत!


फिल्मी दुनिया के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन भी पहनते हैं रत्न,  उसके बाद 'कौन बनेगा करोड़ पति' में सफलता मिलनी शुरू हुई। अमिताभ बच्चन के साथ भी इसी प्रकार की घटना होने का उल्लेख कई किताबों में मिलता रहता है।


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जब इनके सितारे गर्दिश में थे और कंपनी में घाटा लगने के कारण देनदारी बढ़ गई थी। फिल्में भी नहीं चल रही थी। बढ़ती उम्र के कारण फिल्मों में मांग भी कम हो गई थी। ऐसी स्थिति में ज्योतिषी की सलाह पर उन्होंने नीलम और हीरा रत्न पहना।  उसके बाद 'कौन बनेगा करोड़पति' से आरंभ हुई थी तीसरी पारी, आज भी अनवरत जारी है। उन्होंने पहली दोनों पारियों से अधिक यश व धन कमाया।



किस रत्न के पहनने से जागेगी सोई किस्मत?


अब प्रश्न यह उठता है कि वह रत्न कौन सा हो जिसके पहनने से किस्मत जाग उठे। इस सम्बन्ध में ज्योतिर्विद के अनेक सिद्धान्त हैं। 


कोई भाग्येश का रत्न पहनता है। कोई प्रचलित दशा का रत्न धारण करता है। कोई राशि के स्वामी का रत्न पहनता है। कोई सूर्य के शायनराषि के अनुसार रत्न पहनता है। परन्तु आप इस झमेले में न  पड़ें और हम एक ऐसा तरीका बता रहे  कि जिसके उन्नतिकारक ग्रहों के रत्न को अवस्था के अनुरूप धारण करने से किस्मत को जगाया जा सकता है।


इसके लिए मैं जीवन को तीन खंडों में विभक्त किया है।


 पहला खंड: शिक्षा एवं कैरियर की दिशा को निर्धारित करने वाला समय ही इसमें विभिन्न राशिव लग्न वाले व्यक्तियों को निम्नानुसार रत्न पहनना चाहिए।


 लग्न /राशि-रत्न

मेष-माणिक्य

 मिथुन - हीरा ओपल

 सिंह-पुखराज 

तुला -नीलम 

धनु- मूंगा

कुम्भ- पन्ना 

वृषभ- पन्ना

कर्क-मूंगा

कन्या - नीलम 

वृश्चिक - पुखराज 

मकर- हीरा/ओपल

 मीन-मोती 



प्रतियोगिता परीक्षा एवं उसके बाद कैरियर में उन्नति का अवसर हो तब उक्त रत्न के साथ-साथ नीचे दिए हुए रत्न धारण करना चाहिए।

लग्न /राशि-रत्न

 मेष -पुखराज 

मिथुन -नीलम

सिंह- मूंगा

तुला -पन्ना 

धनु- माणिक्य 

कुम्भ -हीरा 

वृषभ - नीलम

कर्क-पुखराज 

कन्या- हीरा/उप्पल

वृश्चिक मोती 

मकर-पन्ना

मीन-मूंगा


यह जीवन का दूसरा खंड हुआ। तीसरे खंड में जब उत्तरदायित्व में वृद्धि होती तो प्रायः सभी क्षेत्रों में अनुकूलता की आवश्यकता होती है ऐसी स्थिति में उक्त रत्नों के साथ अग्रलिखित रत्न धारण करना चाहिये। 




लग्न /राशि-रत्न

मेष-मूंगा 

मिथुन-पन्ना

सिंह-माणिक्य

तुला- हीरा/ओपल

धनु-पुखराज 

कुंभ-नीलम

वृषभ-हीरा/ओपल

कर्क-मोती 

वृश्चिक-मूंगा

कन्या-पन्ना

मकर - नीलम 

मीन- पुखराज 


राहु-केतु ग्रह के लिए क्या करें उपाय, कौन सा रत्न पहनें


राहु केतु आकस्मिक परिणाम देने वाले ग्रह हैं। उनके भी रत्न उनकी दशा में धारण किए जाने चाहिए। यदि राहु केतु लग्न , द्वितीय, पंचम, नवम, दशम या एकादश एकादश स्थान में है और उसकी दशा विद्यमान है, तो उस स्थिति में इसका रत्न धारण कर का आकस्मिक शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है। और अपनी सोई किस्मत को जगाया जा सकता है।......क्रमशः जारी.......

(यह रिपोर्ट फेमस व चर्चित किताबों के अध्ययन व प्रकांड ज्योतिषीय विद्वानों से बातचीत पर आधारित है। यह लेख किसी तरह के दावा का समर्थन नहीं करता है। यह मात्र एक साधारण जानकारी है, जो आप को दी गई है)