झोला छाप डॉक्टर की लापरवाही से एक युवक की मौत हो गई। इस घटना ने जनपद में झोलाछाप चिकित्सक व स्वास्थ्य विभाग के सांठगांठ की पोल खोल कर रख दी है।
हालांकि घटना के बाद दोनों पक्षों ने आपसी समझौता कर लिया है। समझा जाता है कि किसी बड़े नेता के हस्तक्षेप के बाद मृतक परिवार झोला छाप चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई से पीछे हट गया होगा अथवा पीड़ित परिवार किसी दबाव व लालच में कार्रवाई नहीं कर सका।
अलीनगर वार्ड नंबर 9 मुगलचक निवासी पांचू चौहान के एकलौता पुत्र अविनाश ढाई वर्ष को पैर में किसी प्रकार चोट लग गई। जिसका इलाज कराने पड़ोस में ही एक क्लीनिक पर गया। झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज के दौरान इंजेक्शन लगाते ही अविनाश की तड़प-तड़प कर मौत हो गई।
इकलौते पुत्र की मौत से घबराया पांचू शोर शराबा शुरू किया। बताया जाता है कि यही नहीं पीड़ित परिवार थाने पहुंचकर तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। हालांकि कुछ घंटे बाद दोनों पक्ष आपस में सुलह समझौता कर लिया। इस संबंध में पूछे जाने पर आलू मिल चौकी प्रभारी श्रीकांत पांडे ने बताया कि दोनों पक्ष आपस में सुलह समझौता कर लिया है। शव भी पंचनामा कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।
चर्चा है कि किसी बड़े नेता के हस्तक्षेप के बाद इस मामले को दबा दिया गया। मगर पझोला छाप चिकित्सको के खिलाफ अभियान न चलाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग भी कटघरे में खड़ा हो गया है।
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