लोगों ने मृत्युलोक से पितरों की विदाई कर दी। पितृ विसर्जन को लेकर आज सुबह से लोग नदी तालाब में स्नान करने के बाद पिंडदान किए।
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श्राद्ध का तर्पण करते हुए लोग |
डॉ. उदय कुमार राय, चन्दौली। पंद्रह दिन तक चलने वाला पितृपक्ष का आज समापन हो गया। लोगों ने मृत्युलोक से पितरों की विदाई कर दी। पितृ विसर्जन को लेकर आज सुबह से लोग नदी तालाब में स्नान करने के बाद पिंडदान किए।
यह जल तर्पण की प्रक्रिया बकायदे ब्राह्मणों के द्वारा की गई। लोगों ने पितृ ऋण से मुक्ति के लिए खोवा, जौ के आटे का पिंड बनाकर पितृ विसर्जन की प्रक्रिया को पूरी किए।
पितृ अमावस्या के दिन उन सभी लोगों का श्राद्ध किया जाता है। जिनकी मृत्यु अमावस्या के दिन हुई है। इसके साथ उनको भी याद किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि याद नहीं है या किसी कारण वश पता नहीं होती है। आज उनका भी साथ श्राद्ध किया गया जिनका श्राद्ध पक्ष के बाकी दिनों में नहीं किया गया था।
आज पितृ विसर्जन के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नदी, तालाब अथवा पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किए। सभी ने नए कपड़े पहनकर पितरों का श्राद्ध किए। इस दिन महिलाएं स्नान करने के बाद ही भोजन पकाई।
पंचबली भोजन के तहत गाय, कौवा, कुत्ता व चीटियों के लिए भोग लगाया गया। पितरों की विदाई के लिए शाम को चार दियों में सरसों का तेल डालकर दीपक जलाया गया। सभी ने पितरों से प्रार्थना किया कि पितृ पक्ष समाप्त हो गया है, वे देवलोक चलें जाए।