हाय रे! नीतीश सरकार, ग्रामीण जी रहे घुटन भरी जिंदगी अधिकारी काट रहे मौज

हाय रे! नीतीश सरकार, ग्रामीण जी रहे घुटन भरी जिंदगी अधिकारी काट रहे मौज

 बगीचा गांव की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तो हम सभी वर्तमान पंचायती चुनाव का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने 'काम नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है।।

आक्रोश व्यक्त करते हुए ग्रामीण, फोटो:pnp


कुमार चंद्रभूषण तिवारी, कुदरा, कैमूर। सोनहन थाना क्षेत्र के कैथी पंचायत अंतर्गत बगीचा गांव के लोग आजादी के इतने साल बीतने के बावजूद भी घुंटन भरी जिंदगी जीने को विवश हैं। 

एक तरफ से सड़क का निर्माण गांव तक नहीं पहुंच पाई तो दूसरी तरफ से मुख्य सड़क नेशनल हाईवे 2 तक सड़क की स्थिति बदतर है। वाहन आवागमन की तो बात ही छोड़िए पैदल भी जाने के योग्य सड़क नहीं है।


आलम यह है कि गांव की गलियां कुछ दूर तक बनी है, पर पानी और कीचड़  अंबार लगा हुआ है। गांव की एक गली के अलावा कोई भी गली पैदल चलने के काबिल भी नहीं है। गांव के मुख्य गली में पानी कीचड़ और घास के अलावा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है।

 ग्रामीणों का कहना है कि नल जल लगा है पर सिर्फ देखने के लिए है, पानी पीने के लिए नहीं। मौके पर मौजूद वहां के वार्ड विजयंती देवी के पति राजकुमार सिंह से बात किया गया, तो उन्होंने बताया के पीएचडी विभाग के द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कार्य किया गया है, जो कि अभी तक आधा अधूरा पड़ा है। लगभग 150 घरों की बस्ती में स्कूल के लिए सिर्फ दो भवन बना हैं। वो भी जर्जर स्थिति में है। 

बच्चे देश के भविष्य हैं, पर देश के भविष्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार द्वारा दलित और महादलित वर्ग के लिए अनेकों योजना है। जबकि इस गांव में अधिसंख्य महादलित वर्ग के लोग निवास करते हैं। फिर भी इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 

बगीचा गांव के सूरज सिंह, राम अयोध्या सिंह, रामदुलार सिंह, राम कवल सिंह, रघुवर सिंह, सोनू कुमार, पप्पू चौधरी, धर्मशिला, रमेश सिंह, जीवित चौधरी, लालू यादव सहित गांव के सैकड़ों लोगों ने कहा कि अगर इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो हम सभी वर्तमान पंचायती चुनाव का बहिष्कार करेंगे। काम नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है।