ग्रामीण चिकित्सकों ने पटना के गर्दनी बाग में स्वास्थ्य मित्र के रूप में नियोजन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।
स्वास्थ्य मित्र के रूप में नियोजन की मांग को लेकर किया धरना-प्रदर्शन, फोटो-pnp |
ग्रामीण चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण चिकित्सकों ने मांग करते हुए कहा कि उन्हें स्वास्थ्य मित्र के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजित किया जाए सरकार ने वर्ष 2014 में ही आश्वासन दिया था कि कहीं ना कहीं सभी की नियुक्ति की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य मित्र के नाम से स्वास्थ्य सेवा का काम ग्रामीण चिकित्सक संभालने का काम करेंगे। लेकिन सरकार ने अभी तक यह मांग को पूरा नहीं किया है। ग्रामीण चिकित्सक मंच के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ मिथिलेश चौबे ने कहा कि पूरे बिहार के ग्रामीण चिकित्सकों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले थे कि आप लोगों को ट्रेनिंग कराकर सर्टिफिकेट देकर सरकारी सेवा में समायोजन करेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने वादे को भूल गए।
नीतीश सरकार ग्रामीण चिकित्सकों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार हमारी मांग को नहीं मानती हैं तो पूरे बिहार में आंदोलन करेंगे। क्योंकि कोरोना काल में ग्रामीण चिकित्सकों ने गांव में काफी काम किया है बहुत लोगों की जान भी बचाई है।अब सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में ग्रामीण चिकित्सकों का भी नियोजन करे, जो सरकार स्वास्थ्य मित्र के रूप में जिस नियोजन का आश्वासन उन्होंने दिया था उसे पूरा करें।
बिहार ग्रामीण चिकित्सक मंच के शाहाबाद संरक्षक डॉ आलोक तिवारी ने कहा कि जब कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र में लोग बीमार पड़ते थे तो ग्रामीण चिकित्सक अपनी जान पर खेलकर लोगों का इलाज करते थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों को भी अन्य चिकित्सकों की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए जो सरकारी चिकित्सकों को दी जाती है।
मौके पर ग्रामीण चिकित्सक मंच के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ मिथिलेश चौबे, शाहाबाद संरक्षक डॉ आलोक तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष डॉ जितेंद्र सिंह, चेयरमैन डॉ भृगुनाथ यादव, चेयरमैन रोहतास डॉ सुभाष चौधरी ,महासचिव डॉ उमेश कुमार, जिला अध्यक्ष डॉ आलोक सोनी, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ आरती सिंह सहित पूरे बिहार राज्य के सभी जिले के हजारों ग्रामीण चिकित्सक मंच के सदस्य मौजूद थे।