बिहार का डेंजर जोन बना रोहतास, सात महीनें में मिले 80 एचआईबी संक्रमित मरीज

बिहार का डेंजर जोन बना रोहतास, सात महीनें में मिले 80 एचआईबी संक्रमित मरीज

 जिला एड्स विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2021 से  30 नवंबर 2021 तक कुल 80 एचआईवी पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं।



सांकेतिक फोटो

एचआईबी एड्स व यौन रोग को ले  लगेगा विशेष जागरूकता कैम्प होंगे आयोजित

डेंजर जोन जनपद के सभी प्रखण्डों में सात-सात कैम्प के होंगे आयोजन 

रिपोर्ट-संजय कुमार तिवारी

सासाराम, रोहतास। जनपद एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा सभी 19 प्रखण्डों में एचआइवी एड्स एवं यौन रोग जागरूकता कैंप लगाकर लोगों को  जागरूक किया जाएगा। 

जिले के सभी प्रखंडों में सात-सात जागरूकता कैंप लगाए जाएंगे। इसके अलावा 14 जगहों पर विशेष जागरूकता कैंप लगाया जाएगा। 

इस तरह से दिसंबर महीने में रोहतास जिले में एड्स जैसी बीमारी को रोकने और  लोगों को जागरूक करने के लिए कुल 147 जागरूकता कैंप लगाए जाएंगे। 

इस दौरान लोगों को एड्स के साथ-साथ गुप्त रोग एवं यौन रोग के लक्षण के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी। साथ ही जागरूकता कैंप में लोगों में यौन रोग को लेकर बताने में हिचकिचाहट जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए भी उन्हें जागरूक किया जाएगा। 

इसके अलावा जागरूकता कैंप में लोगों को प्रचलित यौन रोग में सिफलिस, शेन्क्रोआइड, गोनोरिया, हरपीस प्रोजेनाइटेलिस, नन-गोनोकोकल  यूरेथ्राइटिस के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी।

सात महीने में मिले 80 एचआईवी पॉजिटिव मरीज


 एचआईवी पॉजिटिव मामले में रोहतास जिले को डेंजर जोन में शामिल किया गया है। जिला एड्स विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2021 से  30 नवंबर 2021 तक कुल 80 एचआईवी पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। बता देगी।

 सासाराम सदर अस्पताल में पिछले 7 महीनों में आईसीटीसी के माध्यम से 2061 जांच किया गया जिनमें 77 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए तो वही पी पी टी सी के माध्यम से 2593 जांच किया गया जिसमें तीन गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गई। 

इस तरह से पिछले 7 महीनों में रोहतास जिले में कुल 80 संक्रमित मरीज पाए गए हैं। जिला एड्स विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 561 लोगों का इलाज किया जा रहा है।

संक्रमित लोगों में प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक

रोहतास जिले में मिल रहे हैं एचआईवी संक्रमित मरीजों में सबसे ज्यादा प्रवासी बताए जाते हैं। इसमें वैसे प्रवासी शामिल हैं जो कोरोना काल के समय विभिन्न राज्यों से अपने गृह जिला लौटे हैं।

 कयास लगाया जा रहा है कि ये प्रवासी लोग पूर्व में रहे जगहों से ही संक्रमित हो कर आए हैं। इसकी वजह से उनकी पत्नी भी संक्रमित हो रही है।

एसटीडी परामर्श डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह, फोटो:pnp

जागरूकता से ही संक्रमण में आ सकती है कमी

सासाराम सदर अस्पताल में कार्यरत एसटीडी परामर्शी राजेंद्र  प्रसाद सिंह बताते हैं कि एचआईवी एड्स के साथ-साथ योन संबंधी रोगों में कमी लाने में जागरूकता अहम भूमिका निभा सकती है। 

उन्होंने कहा कि एड्स का मुख्य कारण असुरक्षित शारीरिक संबंध के अलावा असुरक्षित खून चढ़ना एवं असुरक्षित निडिल मुख्य वजह माना जाता है, जिसमें असुरक्षित शारीरिक संबंध से एचआईवी पॉजिटिव के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। 

उन्होंने बताया कि दिसंबर महीने में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के निर्देश पर जिले कि सभी प्रखंडों में विशेष जागरूकता कैंप आयोजित की जाएगी जिसमें लोगों को एचआईवी एड्स सहित यौन संबंधित रोगों के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ-साथ लक्षण एवं इसके इलाज के बारे में लोगों को बताया जाएगा।

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